कट्टरपंथी संगठन जमात-ए-इस्लामिया की एक साप्ताहिक पत्रिका है - 'रेडियंस"। इसने अपने पहले पन्न्े पर एक लेख छापा, जो कहता है कि 'पहले तुम हमें अपना हिसाब दो।" साफ तौर पर यहां 'तुम" से आशय हिंदुओं से है। हिंदू पर्सनल लॉ देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू के हस्तक्षेप के बाद अस्तित्व में आया था। विवाह जीवन भर के लिए पवित्र-बंधन होता था और किसी बीमार या नि:शक्त को...
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10 हजार किसानों की मदद कर रही है यह केमिकल इंजीनियर
मुंबई। कुछ अच्छा करने की चाह हो, तो रास्ते आपने आप बन जाते हैं। केमिकल इंजीनियर रीमा साठे ने महाराष्ट्र के किसानों की खराब हालत के बारे में एक लेख पढ़ा और कुछ करने की सोचा। इसके साथ ही उन्होंने 'हैप्पी रुट्स' नाम की एक स्टार्ट अप की शुरुआत की। यह फूड कंपनी स्वस्थ, प्राकृतिक और प्रिजर्वेटिव फ्री नाश्ता बनाती है। इसके लिए महाराष्ट्र में छोटे और आदिवासी किसानों से कच्चा...
More »बीमारी की दहशत, घरवालों को भेज रहे गांव से बाहर
बड़वानी-खेतिया। जिले के खेतिया क्षेत्र में गत दिनों फैली उल्टी-दस्त की बीमारी के बाद इसके कुछ साइड इफेक्ट देखने को मिल रहे हैं। नईदुनिया ने ग्राम मोरतलाई पहुंच स्थिति का जायजा लिया, तो पता चला कि गांव में बीमारी की दहशत से कई परिवारों में महिलाओं व बच्चों को रिश्तेदारों के यहां भेज दिया गया है। इससे एक ओर जहां गांव सूना-सूना नजर आ रहा है, वहीं स्कूलों में भी...
More »आंकड़ों से बाहर अलक्षित स्त्री-श्रम-- सुजाता
पुरानी बॉलीवुड फिल्मों में मां के किरदार को याद करते हुए अक्सर एक चेहरा निरूपा राय जैसी मां का सामने आता है, जो विधवा है, दुखी है, लेकिन स्वाभिमानी है. पति के न रहने पर वह दिन-रात दूसरों के कपड़े सिल कर अपने बच्चों को बड़ा करती है. अचानक यह एहसास होता है कि दुनिया का सारा कारोबार पुरुष के श्रम पर चलता है और स्त्री इसमें केवल मर्द के...
More »टूटना चाहिए तीन तलाक का मिथक - रामिश सिद्दीकी
आज देशभर में एक चर्चा ने फिर से तेजी पकड़ ली है। चर्चा का विषय है समान नागरिक संहिता। देश में यह मुद्दा नया नहीं है। इसका लंबा इतिहास है। अनेक लोग समान नागरिक संहिता को भारतीय जनता पार्टी का आविष्कार समझते हैं, पर उन्हें यह जानकर हैरानी होगी कि समान नागरिक संहिता का सबसे पहला जिक्र 1928 में नेहरू रिपोर्ट में मिलता है। यह रिपोर्ट भारत के संविधान का...
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