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छत्तीसगढ़िया "बैगन" अब होगा कीटमुक्त, बनाया नया कीटनाशक

रायपुर। छत्तीसगढ़ में बैगन सब्जी की खपत बहुत ज्यादा है। इसलिए यहां के किसान साल भर इसकी खेती करते हैं। लेकिन इस फसल में एक बड़ी परेशानी यह है कि 50 प्रतिशत से ज्यादा फसलों पर तना छेदक बीमारी लग जाती है। इसके कारण पैदावार घट जाती है। अब इन दोनों समस्याओं से किसानों को मुक्ति मिलने वाली है क्योंकि इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के पीएचडी छात्र कृष्ण गनपत राव...

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पीएम फसल बीमा योजना का लाभ उठाने के लिए कराने होंगे दो बीमा

पायलट प्रोजेक्ट. नालंदा, मोतिहारी, समस्तीपुर और वैशाली में शुरू सिर्फ चार जिलों में शुरू होगी पैकेज इंश्योरेंस स्कीम पीएम फसल बीमा योजना का लाभ लेने के लिए केंद्र सरकार ने किसानों के साथ शर्त भी जोड़ दी है. किसी भी किसान को इस योजना का लाभ लेने के लिए कम-से-कम दो बीमा कराना अनिवार्य कर दिया गया है. पटना : राज्य के चार जिले नालंदा, मोतिहारी, समस्तीपुर और वैशाली के ...

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समझ, संकल्प और इच्छाशक्ति का अकाल : योगेन्द्र यादव

वो गांव गये थे..दावा है कि गांव-गांव यात्रा किये हैं..खेत-खेत, आरी-डरेड़ा सब जगह घूमें। उन्हें ऐसा इसलिए करना पड़ा क्योंकि देश सूखे से बेहाल और सरकार दो साल के जश्न में निहाल है। उनका दावा है कि अभी दिल दिमाग जाग्रत है माने नहीं सूखा..भले ही खेत सूख गये हों..किसान बदहाल हो..आत्महत्या कर रहा हो। जी हां मैं बात कर रहा हूं स्वराज अभियान के योगेंद्र यादव और उनके साथियों की...

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प्याज की भंडारण क्षमता बढ़ाएगी सरकार

प्याज की बर्बादी को कम करने के लिए सरकार ने तीन विभिन्न राज्यों में इस सब्जी के भंडारण क्षमता में 56,800 टन की वृद्धि करने का फैसला किया है। कृषि मंत्रालय के संयुक्त सचिव शकील अहमद ने यहां संवाददताओं से कहा- सरकार ने महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और ओड़िशा में प्याज के भंडारण क्षमता का विस्तार करने का फैसला किया है ताकि इस महत्त्वपूर्ण सब्जी की बर्बादी न हो। उन्होंने कहा...

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सुलगता सवाल : क्या मॉनसून की बारिश सूखे की भरपायी कर पायेगी ? सूखते जलागार, घटता जलस्तर, पेयजल और सिंचाई के संकट पर क्या कहते हैं विशेषज्ञ, नये शोध और आधिकारिक दस्तावेज...जानने के लिए यहां क्लिक करें.

लगातार दो सालों (2014-15 और 2015-16) में सामान्य से क्रमशः 12 और 14 फीसदी कम बारिश के कारण सूखे की मार झेल चुका देश इस साल मानसून से पहले भयावह गर्मी की चपेट में है. चैत के दिन जेठ के दुपहरिया की तरह तपे और देश के कई इलाकों में अप्रैल महीने में तापमान 40 डिग्री सेल्सियस से लेकर 46 डिग्री सेल्सियस तक जा पहुंचा जो कि सामान्य से...

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