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सवर्ण पटेलों का आरक्षण आंदोलन- डा हरि देसाई

अखंड भारत के शिल्पी सरदार वल्लभभाई पटेल सवर्ण एवं धार्मिक आरक्षण के घोर विरोधी थे. इसके बावजूद गुजरात में उनके नाम पर सवर्ण पाटीदार आरक्षण आंदोलन चल पड़ा है. गुजरात के लिए मंगलवार (25 अगस्त) अमंगल रहा. गुजरात की जनता अपने काम में ही व्यस्त रहने के लिए जानी जाती है और शांत प्रजा की उसकी छवि है, किंतु किसी एक मसले को लेकर वह जब आंदोलन करने पर उतारू हो...

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आदिवासी संघर्ष का जख्मी चेहरा- अपूर्वानंद

हिड़मे कौन है? क्या वह लड़का है या लड़की? हिड़मे भारतीय कानों के लिए एक अटपटा शब्द है। सांस्कृतिक-स्मृतिहीन लेकिन परंपराग्रस्त भारतीय माता-पिताओं को उनके पुत्र-पुत्रियों के नामकरण में सहायता करने के लिए हिंदी और अंगरेजी में जो नामावली पुस्तकें छपती हैं, उनमें यह नाम नहीं मिलेगा।   हिड़मे का पूरा नाम है कवासी हिड़मे। वह लड़की है। बेहतर हो कहना कि वह युवती है। लड़की से युवती बनने की यात्रा उसने...

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कैसे रुके संसद में पक्ष-विपक्ष का टकराव? - जगदीप एस. छोकर

संसद के मानसून सत्र में हुए हंगामे और सत्ता-पक्ष और विपक्ष में बढ़ते टकराव से देश बेहद चिंतित है। संसद के पचास साल पूरे होने पर पीए संगमा की अध्यक्षता में हर दल और समूह की सहमति से निर्णय किया गया था कि प्रश्नकाल में व्यवधान पैदा नहीं किया जाएगा। आजादी के 68 साल पूरे होने पर कम से कम यही एक संकल्प सांसद करें तो संसदीय लोकतंत्र में सुधार...

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गांधी का स्वराज और युवाओं की उम्मीदें- रामचंद्र राही

आज जब हम स्वतंत्रता दिवस का जश्न मना रहे हैं, तो स्वाभाविक है कि एक लोकतांत्रिक देश के सजग नागरिक होने के नाते हम यह पड़ताल करें कि देश की आजादी के महानायकों ने हमारे लिए जो स्वप्न देखे थे, वे कितने पूरे हुए। और यदि पूरे नहीं हुए हैं, तो आखिर हमसे गलतियां कहां हुई हैं? ऐसे में हमें सहज ही राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का ध्यान आता है, जिन्होंने आजादी...

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हवाओं के रुख को बताता मोदी का भाषण - के. बेनेडिक्‍ट

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का इस बार का स्वतंत्रता दिवस का भाषण यूं तो हमेशा की तरह उनकी वक्तृत्व शैली और श्रोताओं से जुड़ने की उनकी क्षमता की ही एक और बानगी था, लेकिन इस बार का भाषण उनके कई समर्थकों को शायद इसलिए निराशाजनक लगा हो, क्योंकि उसमें पर्याप्त सामग्री नहीं थी। कइयों को उसमें महत्वपूर्ण बातों के बजाय दोहराव और पीआर संबंधी कवायद अधिक लगी। अलबत्ता उन्होंने इस अवसर...

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