नयी दिल्ली : शहर में 28.65 और गांवों में 22.42 रुपए से अधिक रोज कमाने वालों को गरीबी रेखा से उपर मानने के योजना आयोग के नए मानदंड की आज विपक्षी के साथ सरकार के सहयोगी दलों ने कड़ी आलोचना की और सदन में इस बाबत वक्तव्य देने की मांग की. गरीबी की नयी परिभाषा पर चर्चा की शुरूआत करते हुए जद (एकी) के शरद यादव ने योजना आयोग के नए मानदंडों को देश...
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गरीबों के पैसों से आंदोलन!- तवलीन सिंह
प्रधानमंत्री ने अपने खास उदारवादी अंदाज में गैरसरकारी संस्थाओं (एनजीओ) को फटकार क्या लगाई कि हाय-दुहाई मच गई। वही संस्थाएं जो बेझिझक आरोप लगाती हैं राजनीतिकों पर, पत्रकारों पर, उद्योगपतियों पर और न जाने किस किस पर। जब उनकी बारी आई, तो हल्ला मचाना शुरू कर दिया। क्या सिर्फ एनजीओ ही हैं इस विशाल देश में, जो दूध के धुले हैं? क्या उनसे इतना भी नहीं पूछा जा सकता कि...
More »20 करोड़ भारतीयों के पास नहीं हैं टीवी, फोन, रेडियो, बाइक
नई दिल्ली. देश में अच्छे स्वास्थ्य की जगह स्टेटस सिंबल को ज्यादा तवज्जो दी जा रही है। रजिस्ट्रार जनरल ऑफ इंडिया (आरजीआई) ने 2011 जनगणना की ताजा रिपोर्ट में खुलासा किया है कि देश के लगभग 53.1 फीसदी घरों में शौचालय की सुविधा नहीं है। आधी आबादी आज भी खुले में शौच करने को मजबूर है। लेकिन इसके ठीक उलट देश में लगभग 63.2 प्रतिशत जनता मोबाइल फोन का इस्तेमाल करती...
More »सबक, स्वार्थ और संदेश-इर्शादुल हक
महात्मा गांधी के पौत्र और पश्चिम बंगाल के पूर्व राज्यपाल गोपाल कृष्ण गांधी बदलते बिहार पर वैश्विक सम्मेलन के समापन सत्र में अपना भाषण एक काल्पनिक चिट्ठी के रूप में पेश करते हैं. जयप्रकाश नारायण के नाम लिखे पत्र में वे कहते हैं, 'जयप्रकाश जी अगर आज आप होते तो खुश होते कि आपके दो शागिर्दों-लालू प्रसाद और नीतीश कुमार ने बिहार में कितना अच्छा काम किया है. लालू ने बिहार...
More »नदी जोड़ो परियोजना पर फिर से बहस तेज
जरूरी है जल प्रबंधन नदियों को जोड़ने की महत्वाकांक्षी योजना पर बेशक कुछ सवाल उठे हों, लेकिन बदलते समय में इसकी महत्ता से इनकार नहीं किया जा सकता। पानी का सवाल इतना बड़ा है कि किसी बड़े कदम से ही समाधान की तरफ बढ़ा जा सकता है। बहुत बारीक तथ्यों और तमाम पहलुओं पर निष्कर्ष के बाद करीब दस वर्ष पहले जो रिपोर्ट तैयार हुई थी, उससे हम उम्मीद कर सकते...
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