जमशेदपुर : धालभूमगढ़ की रुपाली मांडी दो साल पहले ईंट-भट्ठा में मजदूर थी. दिन भर की कड़ी मेहनत के बाद मुश्किल से 200 रुपये कमाती थी. आज अपनी जमीन पर खेती कर हजारों कमा रही है. सफल किसान की पहचान बनायी है. रुपाली से प्रेरित होकर दूसरी महिलाएं भी खेती की अोर आकर्षित हुई हैं. रुपाली बताती हैं कि भट्ठा में काम करने के लिए धालभूमगढ़ से जमशेदपुर आना पड़ता...
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बुंदेलखंड: न चारा, न पानी, जानवर बेच रहे हैं किसान
सूखे से झुलस रहे बुंदेलखंड में स्थितियां और भयावह हो चली हैं। हालात का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि दो वक्त की रोटी के लिए ग्रामीण अपने पशु बेच रहे हैं। पशुओं के खरीदार नहीं मिल रहे हैं, चारे पानी का जबरदस्त संकट है लिहाजा पशुपालक भारी मन से औने-पौने दामों में इनसे पीछा छुड़ा रहे हैं। कई गांव ऐसे भी हैं जहां के लोगों ने अपने...
More »देश में महिलाओं को अपना अभिभावक मानने वाले परिवार कितने हैं ?
अगर आयकर चुकाना आर्थिक बेहतरी का संकेत हो तो फिर अच्छी खबर यह है कि देश के ग्रामीण इलाके में महिलाओं की प्रधानी वाले तकरीबन 4 प्रतिशत परिवार सालाना आयकर चुकाते हैं. लेकिन इस खबर के आधार पर कोई भी राय बनाने से पहले तनिक रुककर नीचे लिखे तथ्यों पर एक नजर डालिए क्योंकि सिक्के का दूसरा पहलू भी है. जैसा कि सामाजिक-आर्थिक एवं जाति जनगणना(एसईसीसी 2011) के तथ्यों से जाहिर है...
More »7 साल में 300 बार जन सुनवाई में गया किसान, सीएम हाउस पर आत्मदाह की चेतावनी
मुरैना। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने साल 2009 में जनसुनवाई कार्यक्रम की शुरुआत की थी। इस कार्यक्रम को शुरू हुए जून के इस महीने में पूरे 7 साल हो गए हैं। यह कार्यक्रम जनता के लिए कितना सफल रहा यह कहना मुश्किल है, लेकिन जिले के एक किसान की कहानी इस जनसुनवाई की अलग ही कहानी बयां करती है। यह किसान मंगलवार 30 जून 2009 में पहली बार अपनी शिकायत...
More »अर्थव्यवस्था के तीन इंजन-- भरत झुनझुनवाला
सरकार का दावा है कि अर्थव्यवस्था 7.6 प्रतिशत की सम्मानजनक गति से आगे बढ़ रही है. हकीकत यह है कि जमीनी स्तर पर विकास नहीं दिख रहा है. महाराष्ट्र के सीमेंट विक्रेता ने बताया कि बिक्री 30 प्रतिशत कम है. दिल्ली के टैक्सी चालक ने कहा कि बुकिंग कम हो रही है. इसके विपरीत बड़ी कंपनियां ठीक-ठाक हैं. बहरहाल, आम आदमी का धंधा कमजोर है. संभवतया इसका प्रमुख कारण मोदी...
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