क्या बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि की वजह से गेहूं और चने जैसे महत्वपूर्ण रबी-फसल के नुकसान की मार झेल छह राज्यों के किसानों को इतना मुआवजा मिल पाएगा कि उनके लागत की ही भरपायी हो सके ? प्रश्न के उत्तर के नीचे लिखे तथ्य पर गौर करें. एक क्विन्टल गेहूं को उपजाने और बाजार तक पहुंचाने में किसान को 1212 रुपये की लागत आती है, एक क्विन्टल चने के लिए यही खर्च...
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सामान्य बीमारियों के लिए भी लिखनी होगी 3 से 4 दवाएं, मिलेंगी सस्ती
ग्वालियर। बुखार, सर्दी और बदन दर्द जैसी मामूली बीमारियों के लिए भी अब डॉक्टर को पर्चे पर तीन से चार दवाएं लिखनी पड़ेंगी, लेकिन मरीज को इसके बाद भी नुकसान की जगह फायदा ही होगा। टेबलेट जरूर ज्यादा खानी पड़ेंगी, परन्तु यह पहले लिखी जाने वालीं दवाओं से सस्ती ही पड़ेंगी। क्योंकि अब तक कंपनियां कॉम्बीनेशन के नाम पर दवाओं के मनमाने दाम वसूलती थी, जबकि अब केन्द्र सरकार ने...
More »मिलावटी दूध की बहती गंगा - भवदीप कांग
शुरुआत इसी विरोधाभासी तथ्य से करें कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा दुग्ध उत्पादक देश है! पिछले पंद्रह वर्षों में भारत में प्रति व्यक्ति दूध उपलब्धता बढ़कर लगभग दोगुनी हो गई है। अब यह 322 ग्राम प्रतिदिन है। ऐसे में सवाल उठना स्वाभाविक है कि जब भारत में दूध की मांग व आपूर्ति का तंत्र अच्छी तरह विकसित हो चुका है तो हम मिलावटी दूध पीने को मजबूर क्यों हैं?...
More »कितना हो फसल का मुआवजा, तय करेगा सुप्रीम कोर्ट
साल दर साल सूखे, वारिस और ओला वृष्टि से परेशान किसान एक ओर जहां मुआवजे के लिए सरकार का मुंह देख रहे हैं, और ये उम्मीद कर रहे है कि 5 साल में भले ही उनकी आमदनी दुगुनो हो, न हो लेकिन विगत दिनों देश के बड़े हिस्से में जिस तरह से ओला वृष्टि से किसानों की कमर टूट गयी है, उससे राहत के लिए मुआवजा मिले..ताकि उनकी जिंदगी सरल...
More »पहले बारिश ने बर्बाद की फसल, अब कलेक्टर से मिली फटकार
श्रीगंगानगर। राजस्थान के श्रीगंगानगर इलाके में बिना मौसम बारिश से खेती बर्बाद हो गई, जिससे किसानों के हालात खराब हैं। इस वर्षा से खेत में सरसों, गेहूं, जौ, चना और अन्य फसलों के नुकसान के सर्वे और इसके लिए मुआवजे की मांग मुद्दे पर किसानों ने कलक्ट्रेट पर सोमवार को प्रदर्शन किया। इस क्रम में किसानों का एक प्रतिनिधि मंडल जिला कलेक्टर पीसी किशन से मिला। उनके पास अपने खराब हालात...
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