पटना : नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) अमिताभ कांत द्वारा बिहार के कारण देश को पिछड़ा बताये जाने पर राज्य के अर्थशास्त्रियों और समाजशास्त्रियों ने तीखी प्रतिक्रिया जतायी है. बिहार निवासी समाजशात्री-अर्थशास्त्रियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से नीति आयोग के सीईओ को तत्काल हटाये जाने की मांग की है. मालूम हो कि मंगलवार को दिल्ली में आयोजित एक व्याख्यान के दौरान उन्होंने कहा था, ‘‘बिहार, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़,...
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व्यवस्था को सुदृढ़ करने की जरूरत-- विराग गुप्ता
कुछ महीने पहले ही सुप्रीम कोर्ट में पाॅक्सो मामलों में सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने कहा था कि मौत की सजा से अपराधों का समाधान नहीं हो सकता है. उन्नाव और कठुआ रेप मामलों में देशव्यापी राजनीतिक असंतोष को भांपकर सरकार ने यू-टर्न लेते हुए 12 साल तक की बच्चियों से दुष्कर्म के दोषियों को फांसी की सजा के लिए अध्यादेश जारी कर दिया. राष्ट्रपति की मंजूरी के...
More »साकार होता ग्राम-स्वराज का सपना - नरेंद्र सिंह तोमर
पंचायती राज के आधुनिक इतिहास में 24 अप्रैल 1993 को लागू हुआ 73वां संविधान संशोधन विधेयक मील का पत्थर है। इस विधेयक के पारित होने के लगभग दो दशकों तक यह कछुए की गति से चलता रहा। लेकिन नरेंद्र मोदी सरकार के गठन के बाद इसमें तेजी आई। राजनीतिक इच्छाशक्ति एवं ईमानदार कोशिश की बदौलत परवान चढ़ी पंचायती राज प्रणाली के माध्यम से ग्राम स्तर पर मौन क्रांति का सूत्रपात...
More »आधार मतलब निगरानी का आधार नहीं-- अजय भूषण पाण्डेय
न्यूयॉर्क टाइम्स में आठ अप्रैल को प्रकाशित रिपोर्ट ‘इंडियाज बिग ब्रदर प्रोग्राम' यह धारणा बनाने की कोशिश है कि जैसे भारत आधार के रास्ते एक ‘ऑरवेलियन राज्य' में तब्दील हो रहा हो। सच तो यह है कि दुनिया का सबसे बड़ा बायोमीट्रिक प्रौद्योगिकी वाला यह मंच (आधार)1.2 अरब लोगों को अपनी पहचान ऑनलाइन बनाने की क्षमता देने के साथ ही, उन्हें वांछित हिस्सेदारी हासिल करने और अपने अधिकारों का इस्तेमाल...
More »कृषि अर्थशास्त्र मानसून से आगे-- देविन्दर शर्मा
सबसे पहले अच्छी खबरें। लगातार तीसरे साल मानसून के सामान्य रहने की संभावना है। ‘भारतीय मौसम विज्ञान विभाग' ने यह भविष्यवाणी की है कि आने वाले दिनों में चौतरफा अच्छी बारिश होगी और पूरे मानसून सीजन में 97 फीसदी बारिश होगी। लेकिन बात यहीं पूरी नहीं हो जाती। हमें मौसम विज्ञानियों पर भरोसा है, मगर कई स्वाभाविक कारणों से सामान्य से कम वर्षा की 44 प्रतिशत आशंकाएं भी हैं। पिछले...
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