नयी दिल्ली: पारंपरिक शिक्षण पद्धति की तुलना में ई शिक्षा के व्यापक प्रभाव एवं पहुंच को देखते हुए सरकार क्षेत्रीय भाषाओं में भी ई शिक्षा की तैयारी शुरु कर दी है और देश की सभी उच्च शैक्षणिक संस्थाओं को इंटरनेट के जरिये जोड़ने के साथ ही विभिन्न विषयों की क्षेत्रीय भाषा में ई-सामग्री तैयार करा रही है. यह पहल नेशनल मिशन आन एजुकेशन थ्रू इंफार्मेशन एंड कम्युनिकेशन टेक्नोलाजी (एनएमईआईसीटी) के तहत...
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भारत-अमेरिका विकसित करेंगे गेहूं की नई किस्में
उच्च तापमान के माहौल में भी सुरक्षित रहने वाली गेहूं किस्मों के विकास के लिए भारत और अमेरिका ने संयुक्त रूप से रिसर्च करने की योजना बनाई है। दोनों देश गेहूं की किस्में विकसित करने के लिए रिसर्च पर बड़ी रकम खर्च करने की तैयारी कर रहे हैं। ग्लोबल वार्मिंग और तापमान में बढ़ोतरी होने के कारण ऐसी फसल किस्में तुरंत विकसित करने की जरूरत महसूस की जा रही है। विशेषज्ञों...
More »गरीबों के हक का बंदरबांट!
आज पूरा झारखंड, इसके सभी 24 जिले, उग्रवाद की चपेट में है। राज्य के अधिकांश संसाधन और कोष विकास कार्यक्रमों की बजाय उग्रवाद से टक्कर लेने पर खर्च होते हैं। विकास थम गया है। सबसे पिछड़े राज्यों की पंक्ति में खड़ा है झारखंड। यह दशा साल दो साल में नहीं, दशकों से चली आ रही उपेक्षा का नतीजा है। समीक्षा होती है, और सभी मानते हैं कि झारखंड में सरकारी मशीनरी...
More »गेहूं उत्पादन में पंजाब को पछाड़ सकता है बिहार
पटना: भारत में हरित क्रांति के जनक, नॉर्मन बोरलॉग के सहयोगी संजय राजाराम ने कहा है कि चावल के उत्पादन में विश्व कीर्तिमान बनाने वाला बिहार गेंहू के उत्पादन में भी पंजाब को पीछे छोड़ सकता है। 400 से भी अधिक अंतर्राष्ट्रीय वैज्ञानिकों को प्रशिक्षित कर चुके और 400 से अधिक वैज्ञानिक पुस्तकों के लेखक एवं सह लेखक संजय राजाराम ने आईएएनएस से कहा, "यदि बिहार की मिट्टी की हालत और...
More »सीरिया की प्रयोगशाला-अख़लाक, अहमद उस्मानी
जनसत्ता 3 अप्रैल, 2013: ‘अल्लाह, सूरीया, बशारू बस।’ सीरिया की पश्चिमी सरहद पर अलकतीना झील के किनारे बसे शहर हम्स में झूमते युवा अलकोर्निश मार्ग पर यही गा रहे थे। एक लय में उठते इस नारे को मैं अपने सीमित अरबी भाषा के ज्ञान के आधार पर समझ सकता था। वे कह रहे थे कि ‘हमारे लिए अल्लाह, सीरिया देश और हमारा नेता बशर अल असद काफी है’। इसी सड़क पर बने...
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