किसी भी देश में थानेदार मानसिकता वाले लोगों की बड़ी संख्या आपको मिल जाएगी। भारत में इस तरह की सोच दरअसल औपनिवेशिक मानसिकता वाले ऐसे लोगों के जरिये आई है, जिन्हें अंग्रेजों ने स्थानीय स्तर पर महत्वपूर्ण पदों पर बिठाया था। स्थानीय थाने के वे दारोगा हमारे आदर्श बने, जिनके पास निरंकुश क्षमता थी और जिन्हें अपने अधीनस्थों को किसी भी किस्म की सफाई देने की जरूरत नहीं थी। गणतंत्र...
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'ना खाऊंगा ना खाने दूंगा' का क्या हुआ- आकार पटेल
खाऊंगा ना खाने दूंगा', प्रधानमंत्री मोदी ने अपने चुनाव अभियान में हमसे यही वादा किया था. भ्रष्टाचार उनका सबसे अहम मुद्दा था. यानी ना वो ख़ुद भ्रष्ट होंगे ना अपने इर्द-गिर्द भ्रष्टाचार होने देंगे. भ्रष्टाचार के मामलों में उनकी निजी ईमानदारी को लेकर मुझे कोई शक़ नहीं है. मैं मोदी को व्यक्तिगत रूप से जानता हूँ और मैं उन्हें ऐसे आदमी के रूप में नहीं देखता जो क़ायदे-क़ानूनों में ढील या...
More »इमरजेंसी में कई मायनों में हुई थी चूक - जस्टिस राजिंदर सच्चर
जो देश अपने हाल-फिलहाल का इतिहास याद नहीं रखते, वे एक ही तरह की दुर्घटना दोहराने का खतरा उठाते हैं। देश की दो तिहाई आबादी 35 साल से नीचे की है। यदि इनमें से किसी से आपातकाल लगाए जाने के दिन यानी 26 जून, 1975 का महत्व पूछिए तो उनके चेहरे पर आश्चर्य के भाव उभरते हैं। कई बार 55 साल के लोगों से भी ऐसा जवाब नहीं मिलता, जिससे...
More »ना भूलें इमरजेंसी के सबक - गोपालकृष्ण गांधी
आज से छह दिनों में एक सालगिरह आने वाली है। चालीसवीं सालगिरह। मामूली सालगिरह नहीं है वो। बहुत अहम है। उसको जश्न से नहीं, सुकून से 'मनाया" जाएगा। सुकून से इसलिए कि वो एक मनहूस तजरिबे की सालगिरह है, एक बुरे सपने की जो कि अब बीत चुका है, हमें अपनी भयावह लपेट से मुक्त कर चुका है। वह सपना सितम के, जुल्म के इतिहास का एक हिस्सा बनकर हमें...
More »जी-7 का वादा, 2100 तक ग्रीन हाउस गैस उत्सर्जन होगा आधा
एलमाउ कैसल। दुनिया के सात अमीर देशों ने ग्रीन हाउस गैस उत्सर्जन में कटौती का वादा किया है। जर्मनी के बवेरिया आल्प्स में जी-7 समूह के नेताओं ने सोमवार को वैश्विक स्तर पर इस शताब्दी के अंत तक ग्रीन हाउस गैसों का उत्सर्जन आधा करने का संकल्प लिया। 2010 के स्तर के मुकाबले इसके स्तर में 40-70 फीसद तक कटौती का लक्ष्य तय किया गया है। पेरिस में इस साल के...
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