सामान्य रूप से बाहरी चमक-दमक को देखकर कह दिया जाता है कि यह क्षेत्र विकास कर रहा है। मान लीजिए किसी महानगर में बहुत सी झुग्गी-झोपडि़यों बनी हैं और महानगर में कार्य करने वाले गरीब मजदूरों को इन सस्ते आवासों में आश्रय मिला हुआ है, क्योंकि इससे महंगी जगह में रहने के लिए पैसा उनके पास नहीं है। एक दिन उनकी झोपडि़यां तोड़ दी जाती हैं। इस स्थान पर एक...
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भू-अधिग्रहण पर जनता से राय लेगी केंद्र सरकार
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली नवनियुक्त केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री जयराम रमेश ने भूमि अधिग्रहण विधेयक के मसौदे पर सार्वजनिक बहस कराने का फैसला किया है। यही नहीं जनता की राय लेने के लिए मसौदे को अगले सप्ताह तक सार्वजनिक कर दिया जाएगा। रमेश की प्राथमिकता सूची में भूमि अधिग्रहण सबसे ऊपर है। उनका मानना है कि किसानों को उनकी भूमि का मुआवजा देने के साथ यह देखना भी जरूरी है...
More »लवासा को पर्यावरण मंत्रालय की शर्त मंजूर नहीं
मुंबई, एजेंसी : महाराष्ट्र के पुणे जिले के निकट पहाडि़यों पर शहर आबाद कर रहा लवासा कारपोरेशन करोड़ों रुपयों की लागत वाले अपने महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट को लेकर केंद्रीय पर्यावरण व वन मंत्रालय से दो-दो हाथ करने को तैयार है। कंपनी ने मंगलवार को बंबई उच्च न्यायालय में दो टूक कहा कि उसकी परियोजना पूरी तरह से वैध है और वह केंद्रीय पर्यावरण और वन मंत्रालय की इस बारे में किसी भी पूर्व...
More »ग्रामीण विकास मंत्रालय में होगी रमेश की परीक्षा
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली : जयराम रमेश जैसे तेजतर्रार नेता को ग्रामीण विकास मंत्रालय सौंपकर सरकार ने एक साथ कई निशाने साधे हैं। अपने कई बयानों को लेकर विवादों में रहे रमेश को वन व पर्यावरण मंत्रालय से हटाकर यहां भेजा गया है। वन व पर्यावरण मंत्रालय से उन्हें विदा करने के जहां राजनीतिक मायने निकाले जा रहे हैं, वहीं आने वाले दिनों में मनरेगा व भूमि अधिग्रहण विधेयक उनकी कार्यक्षमता की...
More »असल संत की अंत कथा- आशीष खेतान और मनोज रावत
गंगा को लेकर संतों और खनन माफिया के बीच छिड़ी लड़ाई में उत्तराखंड की भाजपा सरकार ने एक नहीं बल्कि बार-बार और खुल्लमखुल्ला खनन माफिया का साथ दिया है. स्वामी निगमानंद की मौत के पीछे का सच सामने लाती आशीष खेतान और मनोज रावत की विशेष पड़ताल बाबा रामदेव को ध्यान खींचने की कला आती थी. स्वामी निगमानंद के पास यह हुनर नहीं था. इसलिए एक ओर रामदेव विदेशों में जमा...
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