SEARCH RESULT

Total Matching Records found : 495

एक्शनएड सर्वे: लॉकडाउन लागू होने के बाद तीन-चौथाई से अधिक श्रमिक अपनी आजीविका से हाथ धो बैठे

एक्शनएड एसोसिएशन (एएए) द्वारा मई 2020 के आखिर तक तीसरे चरण के लॉकडाउन में राष्ट्रीय स्तर पर अनौपचारिक अर्थव्यवस्था पर निर्भर श्रमिकों के बीच सर्वेक्षण (14 मई और 22 मई, 2020 के बीच) किया है, जिसमें महामारी के दौरान प्रवासी श्रमिकों सहित अनौपचारिक श्रमिकों के जीवन और आजीविका में आए बदलावों और प्रभावों, उनके द्वारा अनुभव की गई रोजी-रोटी की अनिश्चितता और उससे निपटने के लिए उनके संघर्षों को दर्ज किया...

More »

भारत का वित्त संकट टैक्स रेवेन्यू के 12.5 प्रतिशत गिरने से और बढ़ेगा

-द प्रिंट, इस सप्ताह के शुरू में जो आंकड़े जारी किए गए वे जीएसटी के मद में अगस्त माह में हुई आय में गिरावट दर्शाते हैं. टैक्स से होने वाली आय में कमी का अनुमान लगाया भी जा रहा था. भारत में कोविड-19 के हमले के बाद लागू किए गए लॉकडाउन के चलते आर्थिक गतिविधियां लगभग ठप हो गई थीं. नतीजतन, उत्पादन में कमी और इसके चलते टैक्स में गिरावट होनी...

More »

“टेक्नोलॉजी ने गांव-शहर की खाई पाट दी”

-आउटलुक, “सोनीपत के गन्नोर तहसील के गांव तेवड़ी के किसान परिवार में 1991 में जन्मे 29 वर्षीय प्रदीप को उम्मीद नहीं थी कि इस परीक्षा में पहला स्थान पाएंगे” चार अगस्त की सुबह संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) सिविल सेवा परीक्षा-2019, के नतीजे का दिन आया, तो प्रदीप सिंह मलिक के पिता सुखबीर सिंह मलिक हर रोज की तरह खेत में थे। प्रदीप ने उन्हें फोन कर नतीजे के बारे में बताया...

More »

गुरुग्राम : 'घर में ही रहें' की नसीहत के बीच सरकारी क्रूरता, 600 परिवार किये बेघर

-न्यूजक्लिक,  "कहाँ तो तय था चराग़ाँ हरेक घर के लिये, कहाँ चराग़ मयस्सर नहीं शहर के लिये" दुष्यंत कुमार का यह शेर आज की स्थिति पर बिल्कुल सटीक बैठता है। सरकार का लोकसभा चुनाव में बहुत बड़ा वादा था कि जहाँ झुग्गी वहीं मकान, लेकिन इसके विपरीत वर्तमान महामारी के समय में दिल्ली-एनसीआर सहित कई राज्यों में अवैध अतिक्रमण के नाम पर लोगों को बेघर किया जा रहा है। बेघर करके उन्हें सड़कों...

More »

हिंदी पट्टी का रक्त-चरित्र; पिछले चार दशकों में ऐसे पनपी बाहुबली संस्कृति

-आउटलुक, “हिंदी प्रदेशों और खासकर सियासी तौर पर सबसे अहम उत्तर प्रदेश के सामाजिक-राजनैतिक तानेबाने में पिरोयी गैंगस्टर और बाहुबली संस्कृति पिछले चार दशकों में राजनीति के तौर-तरीकों का नतीजा” यकीनन अपने रंग-ढंग और सामाजिक परिस्थितियों में पुराने दौर के बागी डकैतों और आज के गैंगस्टर या डॉन वगैरह का चाल, चरित्र सब कुछ एकदम अलग है। लेकिन दोनों की जुबान पर आज भी वही गर्व से फबता है, जो सबसे लोकप्रिय...

More »

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close