द थर्ड पोल, 05 अप्रैल सुरजीत कौर एक 38 वर्षीय किसान हैं जिनका परिवार पंजाब के पटियाला जिले में पीढ़ियों से खेती कर रहा है। हर साल कौर और उनका परिवार मिलकर अपनी तीन एकड़ ज़मीन से लगभग 90 क्विंटल धान की फसल काटते हैं। हालांकि, धान की फसल से होने वाली नियमित कमाई के साथ-साथ गेहूं बोने के लिए भूसे और कृषि अपशिष्टों का शीघ्रता से निपटारा करने की ज़रूरत होती...
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भारत की जलवायु, प्रदूषण और गरीबी की चुनौतियों से निपटता बायोमास ब्रिकेट्स
द थर्ड पोल, 02 अप्रैल सुरजीत कौर एक 38 वर्षीय किसान हैं जिनका परिवार पंजाब के पटियाला जिले में पीढ़ियों से खेती कर रहा है। हर साल कौर और उनका परिवार मिलकर अपनी तीन एकड़ ज़मीन से लगभग 90 क्विंटल धान की फसल काटते हैं। हालांकि, धान की फसल से होने वाली नियमित कमाई के साथ-साथ गेहूं बोने के लिए भूसे और कृषि अपशिष्टों का शीघ्रता से निपटारा करने की ज़रूरत होती...
More »सरकारी स्वास्थ्य सुविधाओं तक सीमित पहुंच से कैसे रोहिंग्या शरणार्थी प्रभावित हो रहे हैं?
इंडियास्पेंड, 22 फरवरी अपनी चेकदार लूंगी का एक हिस्सा मोड़कर पड़ोस के अस्थायी तंबू के पास पैर फैलाकर बैठे हैं और अपने अंगूठे पर लगे खुले घाव पर मक्खियों को बैठने से रोक रहे हैं। यह अगस्त की सुबह है और हम बेंगलुरू में हैं। वसीम कचरा बीनने का कार्य करते हैं। जहां वह बैठे हैं वह खुली जगह है और वहां से लगातार वाहनें गुजर रही हैं, जिससे उनको ठंड भी...
More »200 किलोमीटर पैदल क्यों चलना पड़ रहा है दक्षिण बिहार के किसानों को
गाँव कनेक्शन, 3 जुलाई बिहार में मानसून आ चुका है और घनश्याम यादव अपने घर वापस जाने की तैयारी में हैं। 70 साल के किसान को अपना घर छोड़े हुए दो महीने से ज़्यादा हो गया है। अप्रैल की शुरुआत में, जब भीषण गर्मी पड़ रही थी, वह 32 भैंस और बारह अन्य चरवाहों के साथ मवेशियों के लिए चारे की तलाश में पंद्रह दिनों तक पैदल चल कर यहाँ तक...
More »जलवायु हॉटस्पॉट: गर्म होता अरब सागर, गुजरात के पश्चिमी तट के मछुआरों की आजीविका पर संकट
इंडियास्पेंड, 22 जून पोरबंदर के राकेश कुमार, वेरावल के धर्मेश गोयल और द्वारका के इस्माइल भाई, एक ही राज्य के अलग-अलग जिलों के इन तीनों के बीच कई समानताएं हैं। मसलन कि ये समुद्री मछुआरे हैं, हाल के वर्षों में बदले मौसम के मिजाज से परेशान हैं और कई पीढ़ियों से चली आ रही मछली पकड़ने की परंपरा को बचाने की जद्दोजहद कर रहे हैं। “आज से पांच साल पहले तक कि...
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