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कृषि बिल: न्यूनतम समर्थन मूल्य को लेकर डरे हुए क्यों हैं किसान?

-बीबीसी, रविवार को राज्यसभा में पारित हुए नए कृषि सुधार क़ानूनों को लेकर विपक्ष के बढ़ते विरोध के बीच केंद्र सरकार ने फ़सलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को बढ़ाने का फै़सला किया है. कैबिनेट की आर्थिक मामलों की समिति ने सोमवार को इसके लिए मंज़ूरी दे दी है. कृषि मंत्री ने रबी की छह फ़सलों की नई एमएसपी जारी की है. ये फ़ैसला ऐसे वक़्त में लिया गया है जब कृषि...

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हिंदी दिवस: भाषा, शब्द और साम्राज्यवाद

-न्यूजलॉन्ड्री, 15वीं सदी का आख़िरी दशक ख़त्म होने को था. विश्व के महासागर एक ऐसी प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार हो रहे थे जो इससे पूर्व कभी नहीं देखी गयी थी. चप्पू से चलने वाले जहाज़ों की अपनी सीमाएं थीं. उनसे छिछली तटरेखा के इलाक़ों में तो परिवहन हो सकता था लेकिन समुद्र की अपार नीली जल-राशि में घुसने के लिए साहस के अलावा उन हवाओं का भी ज्ञान ज़रूरी था जो...

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मानसून सत्रः बड़ा संकट, छोटी चर्चा

-इंडिया टूडे, बिहार जैसे महत्वपूर्ण राज्य में चुनाव के साथ 40 विधानसभा और लोकसभा उप-चुनाव होने हैं. इससे ठीक पहले केंद्र सरकार चरमराई अर्थव्यवस्था, चीन के अतिक्रमण, कोरोना की वजह से मजदूरों के पलायन, किसानों का आंदोलन, छात्रों की समस्या, फेसबुक हेट स्पीच मामला जैसे तमाम सियासी मुद्दों से घिरी हुई है. लेकिन सरकार संसद में इन मुद्दों पर कम से कम चर्चा की जुगत में लग गई है. मौजूदा सत्र...

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किसान लामबंदी (1920 – 2020)

-लोकवाणी, “ एक वह हैं जो अपनी ही सूरत को लेते हैं बिगाड़, एक वह है जिसे तस्वीर बनानी आती है ” आज देश में जगह जगह किसान सरकार की नीतियों से नाराज होकर सड़कों पर रोषप्रकट कर रहें हैं. किसान की उपज की लूट चल रही है, किसान कर्ज में डूबते जा रहें हैं, जिस कारण किसान की ख़ुदकुशी के केस बढ़ते जा रहें हैं, सरकार किसान हितैषी होने का दम भरती...

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एक्शनएड सर्वे: लॉकडाउन लागू होने के बाद तीन-चौथाई से अधिक श्रमिक अपनी आजीविका से हाथ धो बैठे

एक्शनएड एसोसिएशन (एएए) द्वारा मई 2020 के आखिर तक तीसरे चरण के लॉकडाउन में राष्ट्रीय स्तर पर अनौपचारिक अर्थव्यवस्था पर निर्भर श्रमिकों के बीच सर्वेक्षण (14 मई और 22 मई, 2020 के बीच) किया है, जिसमें महामारी के दौरान प्रवासी श्रमिकों सहित अनौपचारिक श्रमिकों के जीवन और आजीविका में आए बदलावों और प्रभावों, उनके द्वारा अनुभव की गई रोजी-रोटी की अनिश्चितता और उससे निपटने के लिए उनके संघर्षों को दर्ज किया...

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