केंद्र सरकार महंगाई और औद्योगिक मोर्चे पर मुश्किल में घिरती दिख रही है। नवंबर में खुदरा महंगाई इस साल सबसे ज्यादा 11.24 फीसदी तक पहुंच गई है, जबकि औद्योगिक उत्पादन 1.8 फीसदी गिर गया है। महंगाई जहां आम आदमी की कमर तोड़ रही है वहीं, उद्योग सुस्ती के भंवर में फंस चुके हैं। खाने-पीने की चीजों पर 14.72 फीसदी तक पहुंची महंगाई आम जनता के साथ सरकार पर भी भारी पड़...
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सात माह में सर्वाधिक महंगाई, लोग बेहाल
रेपो रेट घटना मुश्किल महंगाई दर लगातार बढऩे के चलते रेपो रेट घटाना होगा मुश्किल, आरबीआई की अगली मौद्रिक नीति समीक्षा 29 अक्टूबर को लगातार चौथे माह बढ़ी महंगाई, सितंबर में मुद्रास्फीति दर रही 6.46 फीसदी देश में महंगाई का कहर जारी है। सितंबर, 2013 में महंगाई दर और भी बढ़कर पिछले सात महीनों के उच्चतम स्तर 6.46 फीसदी पर पहुंच गई। सितंबर महीने में खुदरा महंगाई दर भी बढ़कर 9.84 फीसदी हो...
More »घटती जीडीपी, लौटती महंगाई; संभालें अपना पोर्टफोलियो
मौजूदा वित्ता वर्ष की पहली तिमाही के दौरान जीडीपी ग्रोथ की दर महज 4.4 फीसद रही है। इस बीच भारत का जीडीपी-कर्ज अनुपात घटकर 66 फीसद हो गया है। देश का चालू खाते का घाटा खतरनाक स्तरों पर बना हुआ है। इन सबके बीच महंगाई डायन ने एक बार फिर से सिर उठाना शुरू कर दिया है। महंगाई थामने की लगातार कोशिशों के बावजूद आरबीआइ ने अब भी इसके सामने हाथ खड़े कर...
More »एक रुपये का हेरफेर, गरीबी का मजाक नहीं तो और क्या
नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। केंद्र सरकार ने रोजाना कमाई में महज एक रुपये बढ़ाकर एक झटके में 17 करोड़ लोगों की गरीबी दूर करने का सेहरा अपने माथे बांध तो लिया है, लेकिन पिछले दो वर्षो में महंगाई की स्थिति को देखते हुए ये आंकड़े आम जनता के साथ क्रूर मजाक सरीखे लगते हैं। सितंबर, 2011 में सरकार ने जब गांव में 26 रुपये रोजाना से ज्यादा कमाई वालों को गरीब मानने के...
More »मार्च के बाद भी इतनी ही रहेगी महंगाई: RBI
विनिर्मित उत्पादों संबंधी मुद्रास्फीति में नरमी के बावजूद खाद्य एवं ईंधन मुद्रास्फीति का दबाव बने रहने की संभावनाओं को देखते हुए आरबीआई का मानना है कि अगले वित्त वर्ष में मुद्रास्फीति मौजूदा स्तर पर बनी रहेगी। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने मौद्रिक नीति की आज जारी मध्य तिमाही समीक्षा में कहा...
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