-डाउन टू अर्थ, कोरोनावायरस (कोविड-19) बीमारी की वजह से हमारे समाज की असमानता सामने नहीं आई है। मुक्त बाजार काल में इसे अस्तित्व के खतरे के तौर पर पहले ही स्वीकार किया जा चुका है। कोरोनावायरस की वजह से यह जरूर स्पष्ट हुआ है कि आर्थिक रूप से हाशिए पर खड़े लोगों को स्वास्थ्य आपातकाल का सामना कैसे करना पड़ेगा। उदाहरण के लिए, अगर हम अमेरिका की बात करें तो कई...
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कोरोना वायरसः क्या आपको डरने की जरूरत है?
तस्वीरें हॉलीवुड की फिल्मों के स्थिर चित्रों जैसी दिखती हैं. हवाई अड्डों पर सहमे हुए लोग, जिनके चेहरे सर्जिकल मास्क से ढके हुए हैं. हालांकि ये मास्क दुनिया के सामने बड़े खतरे की तरह उभरे एक नवीनतम वायरस से उनकी रक्षा के लिए शायद ही पर्याप्त हों. इस वायरस का उद्गम स्थान संभवत: वुहान है, जहां दिसंबर की शुरुआत में इस वायरस की पहचान की गई थी. लेकिन ऑस्ट्रेलिया से...
More »असीम सम्भावनाओं का पिटारा ‘घुमन्तू समाज’
अपने सम्पूर्ण जीवन को यायावरी और जुगलबन्दी से जीने वाला 10 फीसदी घुमन्तू समाज आज विडम्बना की स्थिति में हैं। जहाँ एक तरफ उसको अपनी मूल पहचान खोने की चिंता है तो दूसरी ओर आजीविका की मजबूरी ने उसे घेर रखा है। ऊपर से सरकारों के नित- नये नियम कानूनों ने उसका मजाक बना दिया है। घुमन्तू लोग कौन हैं ? यह लोग तो समाज को चलाने वाले ऊंचे दर्जे के लोग...
More »कोटा में 100 बच्चों की मौत के लिए कौन दोषी है?
"मैं अपने बच्चे के निमोनिया का इलाज कराने के लिए यहां से 50 किलोमीटर दूर से आया हूं. इतनी सर्दी थी रास्ते में. बच्चे की सांस तेज़ चल रही थी. बच्चे की हालत देखकर ही डर लग रहा था..." ये शब्द मोहन मेघवाल के हैं जो अपने बच्चे का इलाज कराने के लिए राजस्थान में कोटा के जेके लोन अस्पताल आए थे. ये वही अस्पताल है, जहां बीते 30 दिनों में...
More »स्वधार गृहः महिला उत्पीड़न केंद्र!
देश की राजधानी में बेसहारा महिलाओं के लिए बने 14 शेल्टर होम्स को लेकर अक्तूबर के आखिरी हक्रते में टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज (टिस) ने 143 पन्नों की एक चौंकाने वाली रिपोर्ट जारी की. इस रिपोर्ट के मुताबिक, यहां रहने वाली महिलाओं का बर्बरता की हद तक यौन उत्पीडऩ हो रहा है. टिस की ऐसी ही रिपोर्ट के बाद 2018 में मुजफ्फरपुर के बालिका गृह में नाबालिग लड़कियों के...
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