लखनऊ . बारिश कराने के लिए मशहूर अषाढ़ महीना बीतने में चार दिन बाकी है और उप्र के खेतों में धूल उड़ रही है। बड़े हिस्से में पानी की बूंद भी नही टपकी है। पिछले साल अषाढ़ में 169.7 मिमी वर्षा हुई जबकि इस बार अब तक महज 15.9 मिमी बारिश हुई है। राज्य के पूर्वी हिस्से में बेहद मामूली बारिश दर्ज की गई है। प्रदेश के लिए मानसून की...
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जानलेवा बाढ़ का अब तक नहीं हो पाया कोई स्थायी समाधान
पटना. बिहार के 38 में से 28 जिले बाढ़ प्रभावित माने जाते हैं और 68. 80 लाख हेक्टेयर क्षेत्र को बाढ़ प्रभावित माना जाता है। ऐसे में पूरे वर्ष भर सरकार बाढ़ को रोकने के लिए कवायद में जुटी रहती है। तटबंधों पर करोड़ों रुपये खर्च किए जाते हैं फिर भी यहां बाढ़ की समस्या का स्थायी समाधान नहीं हो सका है। बिहार में बाढ़ की समस्या काफी पुरानी है। जानकार...
More »जल स्रोतों के अस्तित्व पर संकट
देहरादून। अनियोजित विकास राज्य में जल स्रोतों के लिए संकट बनकर खड़ा हो गया है। आलम यह है कि उत्तराखंड के 53 हजार 566 वर्ग किलोमीटर के भौगोलिक क्षेत्र में जलीय भूमि केवल 1.94 प्रतिशत ही शेष रही है। उत्तराखंड स्पेस एप्लिकेशन सेंटर (यू-सैक) ने सेटेलाइट के जरिए यह तस्वीर दिखाई है। ‘नेशनल वेटलैंड इनवेंटरी एंड एसेसमेंट’ प्रोजेक्ट के तहत राज्य में कुल 994 प्राकृतिक जल स्रोत चिन्हित किए गए,...
More »3 दशक बाद दुर्गावती जलाशय परियोजना में कार्य शुरू
सासाराम| तीन दशकों से लंबित पड़ी बिहार की सबसे बड़ी समझी जाने वाली रोहतास और कैमूर जिले की सीमा पर स्थित दुर्गावती जलाशय परियोजना का बुधवार से एक बार फिर कार्य प्रारंभ हो गया। इस मौके पर राज्य के जल संसाधन मंत्री विजय कुमार चौधरी ने कहा कि बहुप्रतीक्षित दुर्गावती जलाशय परियोजना में काम प्रारंभ हो गया है और इस परियोजना को अगले दो वर्ष में पूरा कर लेने की...
More »सोनकब्र!- हिमांशु वाजपेयी की रिपोर्ट(तहलका ,हिन्दी)
उत्तर प्रदेश में सोनभद्र जिले के कई गांव एक महीने के भीतर 100 से भी ज्यादा बच्चों की मौत देख चुके हैं, लेकिन शासन यह मानने के लिए तैयार नहीं. और जाहिर सी बात है कि जब मानेगा ही नहीं तो कुछ करेगा भी क्यों? हिमांशु बाजपेयी की रिपोर्ट सोनभद्र में हालात उससे कहीं ज्यादा बुरे हैं जितना सोचकर आप लखनऊ या दिल्ली से यहां आते हैं. महज कुछ घंटे यहां गुजारने...
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