SEARCH RESULT

Total Matching Records found : 1829

झीलों पर अतिक्रमण, अनियमित निर्माण बेंगलुरु की बाढ़ के मुख्य कारण

 मोंगाबे हिंदी, 02 जनवरी भारत की सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) का गढ़ बेंगलुरु, हाल ही में शहरी बाढ़ की वजह से सुर्खियों में बना हुआ था। इस साल अगस्त के अंतिम सप्ताह और सितंबर के पहले सप्ताह में लगातार बारिश होने की वजह से बेंगलुरु शहरी-बाढ़ से निपटने के लिए संघर्ष कर रहा था। पिछले 34 वर्षों के रिकॉर्ड को तोड़ते हुए, इस साल बेंगलुरु में सितम्बर महीने के दौरान 131.6 मिलीमीटर बारिश...

More »

अन्याय का एक साल: पश्चिम बंगाल में मनरेगा मजदूरों की मजदूरी में चोरी का एक साल

नरेगा संघर्ष मोर्चा, 26 दिसंबर मजदूरों का उत्पीड़न: पश्चिम बंगाल में मनरेगा मजदूरों को 26 दिसंबर 2021 से वेतन का भगुतान नहीं किया गया है। नरेगा अधिनियम की धारा 27 को लागू करते हुए 'केंद्र सरकार के निर्देशों का पालन न करने' के लिए राज्य को 7,500 करोड़ रुपये से अधिक की मनरेगा निधि जारी करने पर रोक लगी है। इस राशि में से 2,744 करोड़ रुपये बकाया वेतन चौंका देने...

More »

महामारी में मजहब के आधार पर हुआ भेदभाव- वैश्विक रिपोर्ट

बात कोविड काल की है। अफगानिस्तान में बहुसंख्यक तबके ने करीब 25 सिखों को मौत के घाट उतार दिया। और इस कारण से सिखों में डर पसरा। जिसका नतीजा था लगभग 200 सिक्खों का हिंदुस्तान की ओर पलायन। यह पलायन उनकी ख्वाहिश से नहीं मजबूरी से उपजा था। प्रश्न यह है कि सिखों के साथ यह अत्याचार क्यों हो रहा था? अफगानिस्तान के बहुसंख्यक तबके का कहना था कि सिख कोविड...

More »

गहराते वायु प्रदूषण से महिलाओं में बढ़ा एनीमिया का खतरा, जल्द कदम उठाने की जरूरत

मोंगाबे हिंदी, 19 दिसंबर अगर भारत साफ-सुथरी हवा और ऊर्जा के लक्ष्यों को पूरा करता है तो इससे कई तरह के फायदे होंगे। एक लाभ यह होगा कि प्रजनन वाली आयु की महिलाओं में एनीमिया के प्रसार को काफी हद तक कम किया जा सकेगा। एक अध्ययन में यह जानकारी सामने आई है जो महिलाओं में खून की बहुत ज़्यादा कमी और उनके अति सूक्ष्म कणों (पीएम 2.5) के संपर्क में...

More »

सीबीडी कॉप-15: सबसे कम संरक्षित मूंगे की गहरी चट्टानों की रक्षा करने की तत्काल जरूरत

डाउन टू अर्थ, 13 दिसंबर  जैव विविधता पर कन्वेंशन के पक्षकारों के सम्मेलन की पंद्रहवीं (कॉप 15) बैठक जारी है, जिसमें दुनिया भर के नेता, सरकार के वार्ताकार, वैज्ञानिक और संरक्षणवादी हिस्सा ले रहे हैं। जो सात दिसंबर से शुरू होकर 19 दिसंबर 2022 तक जारी रहेगी, इसमें शामिल लोगों का उद्देश्य प्रकृति को होने वाले नुकसान को रोकने और उसे पहले जैसा रखने में सहमति बनाना है। इसी क्रम में...

More »

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close