जनसत्ता 19 सितंबर, 2012: यूपीए सरकार ने एक झटके में ताबड़तोड़ डीजल-रसोई गैस की कीमतों में बढ़ोतरी से लेकर अर्थव्यवस्था के संवेदनशील क्षेत्रों को विदेशी पूंजी के लिए खोलने और सार्वजनिक क्षेत्र की कई कंपनियों के विनिवेश जैसे कई बड़े और विवादास्पद फैसलों का एलान करके संकट में फंसी अर्थव्यवस्था पर ‘झटका उपचार’ (शॉक थेरेपी) को आजमाने की कोशिश की है। यह उपचार भारत में कोई पहली बार नहीं आजमाया जा रहा...
More »SEARCH RESULT
देशभक्तों के काम!- हरिवंश
राष्ट्रीय प्रतीकों के साथ खिलवाड़ अक्षम्य अपराध है. देश के साथ द्रोह भी. मामला चाहे अशोक स्तंभ का हो या मुंबई में ‘अमर जवान ज्योति’ तोड़ने का. इस कसौटी पर काटरूनिस्ट असीम त्रिवेदी भी गलत हैं. पर आज सार्वजनिक रूप से यह कहना कि ‘सत्यमेव जयते’ की जगह ‘भ्रष्टमेव जयते’ के युग में देश है, कहां का अपराध है? या राष्ट्रदोह है? यह तो मौजूदा हालत का नग्न सच है. देश की कुल...
More »समझिए कोयले का पूरा अर्थशास्त्र
कोयला ब्लॉक आवंटन पर आई सीएजी की रिपोर्ट में लगभग दो लाख करोड़ रुपये के सरकारी नुकसान की बात आने के बाद से ही भारत में कोयले को लेकर राजनीति गर्म है। सत्ताधारी पार्टी के कई वरिष्ठ नेताओं का नाम कोयला घोटाले में आ रहा है। कोयला घोटाले के कारण ही संसद का मानसून सत्र हंगामे की भेट चढ़ गया। विपक्ष ने सरकार पर 'मोटा माल' खाने का आरोप भी लगाया। एक...
More »दिल्लीः अब पानी के निजीकरण की तैयारी
अगर बिजली के निजीकरण का कांग्रेस पार्टी में विरोध नहीं हुआ होता तो पानी का निजीकरण मुख्यमंत्री शीला दीक्षित अपने दूसरे कार्यकाल के शुरू में ही कर देतीं। उन्होंने चौबीसो घंटे पानी उपलब्ध करवाने के नाम पर कार्ययोजना भी शुरू करवा दी थी। दिल्ली विद्युत नियामक आयोग (डीईआरसी) के तर्ज पर दिल्ली जल बोर्ड के लिए नियामक आयोग के गठन की भी घोषणा कर दी थी। उन्होंने सितंबर 2005 में...
More »वित्तमंत्री की नींद क्यों उड़ी है- आनंद प्रधान
जनसत्ता 15 फरवरी, 2012 : वित्तमंत्री प्रणब मुखर्जी की नींद उड़ गई है। उनका कहना है कि जब भी वे सब्सिडी के बढ़ते बोझ के बारे में सोचते हैं, उनकी रातों की नींद उड़ जाती है। असल में, वित्तमंत्री ने चालू वित्तीय वर्ष के बजट में विभिन्न मदों (खासकर खाद्य, उर्वरक और पेट्रोलियम) में कुल 1.43 लाख करोड़ रुपए की सब्सिडी का अनुमान लगाया था, लेकिन रिपोर्टों के मुताबिक, इसमें लगभग एक लाख...
More »