पिछले साल किसान सूखे की मार झेल चुके हैं। इस साल फिर सूखा पड़ गया। जबकि कुछ वर्षों से किसान निरंतर संकट में हैं। उनकी हालत पहले से ही खराब है। इस वर्ष सूखे ने उन्हें गहरे संकट में डाल दिया है। भारतीय मौसम विभाग की भविष्यवाणी सही निकली है। खुद कृषि मंत्रालय ने स्वीकार कर लिया है कि सामान्य से पंद्रह-सोलह फीसद कम बारिश हुई। इससे खरीफ की फसल...
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पर्यावरण के नजरिए से आहार- रमेश कुमार दुबे
अगर गोमांस (बीफ) के बढ़ते इस्तेमाल को पर्यावरण की दृष्टि से देखा जाए तो इतना विवाद न हो। गहराई से देखा जाए तो आज जलवायु परितर्वन, वैश्विक तापवृद्धि, भुखमरी, नई-नई बीमारियां प्रत्यक्ष रूप से मांसाहार के बढ़ते चलन से जुड़ी हुई हैं। संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (यूएनइपी) के मुताबिक एक मांस-बर्गर तैयार करने में तीन किलोग्राम कार्बन उत्सर्जित होता है। ऐसे में धरती की रक्षा के लिए मांस की बढ़ती...
More »अल नीनो भूलिए... आ रही ला नीना
रिकॉर्ड के हिसाब से इस साल सबसे असरदार अल नीनो रहा, बावजूद इसके अगले 1-2 साल तक कृषि जिंसों की कीमतों में ज्यादा तेजी नहीं आएगी। अगले साल का मौसम भारत के अनुकूल रहने के आसार हैं। अल नीनो ने इस साल खासा कहर ढाया। इस वजह से भारत में मानसून कमजोर हुआ और बारिश कम हुई, जबकि मुकम्मल दक्षिण-पूर्व एशिया में खतरनाक सूखे की स्थिति बनी। दुनिया के कई दूसरे...
More »दलहन संग तिलहन के भी फिरने लगे दिनः घटेगी उपज, बढ़ेंगे भाव
मौसम विभाग के ताजा अनुमान के मुताबिक औसत मानसूनी बारिश में 13-14 प्रतिशत कमी आई है। पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, राजस्थान और मध्यप्रदेश जैसे कई राज्यों में सितंबर के दौरान औसत से काफी कम बारिश हुई। अब, जबकि मौसम विभाग के मुताबिक देश से मानसून की बिदाई हो चुकी है, सितंबर में हुई कम बारिश के कारण खरीफ फसलों को काफी नुकसान पहुंचा है। खेतों में खड़ी फसलों में पानी...
More »सूखे का साया
आखिरकार भारतीय मौसम विभाग की भविष्यवाणी सही निकली। उसने इस साल मानसून के कमजोर रहने का अंदेशा जताया था। तब वित्तमंत्री ने कहा था कि घबराने की बात नहीं है, हो सकता है मानसून संबंधी पूर्वानुमान गलत निकले। दरअसल, वित्तमंत्री को बाजार की चिंता सता रही थी और वे निवेशकों को आश्वस्त करना चाहते थे कि सब कुछ ठीकठाक रहेगा। पर अब मौसम संबंधी पूर्वानुमान पहले से कहीं अधिक वैज्ञानिक...
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