पत्नी का पर्यावरण प्रेम देख किसान चैन सिंह लोधी ने 25 फुट गहरा कुआं खोद दिया। लोगों ने जब उसकी पत्नी को पौधे सींचने के लिए हैंडपंप या कुएं से पानी नहीं भरने दिया, तब उसने कुआं खोदने की ठान ली। दो माह कठिन परिश्रम कर उसने पत्नी की खातिर कुआं खोद दिया। इस सूखे के समय में कुएं से निकले पानी से वह अपनी पत्नी के साथ मिलकर पेड़ों की...
More »SEARCH RESULT
11 बीघा से नहीं मिला दाना, किसान ने लगा ली फांसी
सूखे में फसल की बर्बादी और कर्ज की चिंता में एक किसान ने फांसी लगाकर जान दे दी। वह अंत्योदय कार्डधारक भी था। उसकी 11 बीघा जमीन में अनाज का एक दाना भी नहीं हुआ था। नरैनी तहसील क्षेत्र के महुई गांव के मजरा धोबिन पुरवा, फतेहगंज निवासी मोहन (35) पुत्र महिपाल ने मंगलवार रात घर के खपरैल में रस्सी बांधकर फांसी लगा ली। घटना के समय घर के सभी लोग...
More »इंद्र भरोसे खेती, पर कब तक--- बिभाष
हरित क्रांति के मसीहा डॉ नॉर्मन बोरलॉग ने साठ के दशक में बौनी प्रजाति के अधिक उपज वाले गेहूं की ईजाद की. सभी देशों की तरह भारत में भी उस गेहूं की खेती शुरू की गयी. बौनी प्रजाति के गेहूं ने उस वक्त की राजनीति गढ़ने का भी काम किया, जिस पर बहस और शोध होना चाहिए. देखते-देखते गेहूं की उपज दूनी हो गयी. सन् 1959-60 में जो गेहूं...
More »साढ़े सात करोड़ की आबादी में पांच करोड़ गरीब कैसे ? गड़बड़ है : सीएम
इंदौर। 'ग्रामोदय से भारत उदय' अभियान में शामिल होने सांवेर विधानसभा क्षेत्र के बूढ़ी बरलाई ग्राम पहुंचे मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने सरकारी योजनाओं में गड़बड़ी पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वालों के लिए सरकार तमाम सुविधाएं जुटा रही है। प्रदेश की जनसंख्या साढ़े सात करोड़ है और पांच करोड़ से ज्यादा लोगों के नाम गरीबी रेखा में जुड़ गए। इतने गरीब कहां...
More »जो बन गए गरीब और बेसहारों के मसीहा
मनीष पाराशर, इंदौर। ज्यादातर लोग या तो अपने लिए काम करते हैं या परिवार के लिए। इस भाग-दौड़ भरी जिंदगी में कुछ लोग ऐसे भी हैं, जिन्होंने दूसरों की जिंदगी भी संवारने का जिम्मा उठा रखा है। ये कोई धनवान नहीं, बल्कि दिनभर रोड पर चलने वाले ऑटो ड्राइवर हैं। कोई बच्चों के लिए चलती-फिरती संस्कार की पाठशाला चलाता है तो कोई बेसहारा बुजुर्गों की मदद के लिए हमेशा तैयार...
More »