उत्तरी-पूर्वी दिल्ली में करावलनगर के औद्योगिक इलाके और उससे लगे क्षेत्र में वॉकर (छोटे बच्चों को चलने में मदद करने वाली साइकिल) और पालना बनाने वाली 14-15 छोटी-छोटी फ़ैक्ट्रियाँ हैं। ज़्यादातर फ़ैक्ट्रियों में 10-15 मज़दूर और कुछ में 30-40 मज़दूर काम करते हैं। ज़्यादातर फ़ैक्ट्रियाँ दलित बस्ती में हैं, कुछ करावलनगर गाँव, पंचाल विहार और दयालपुर में स्थित हैं। इनमें काम करने वाले ज़्यादातर मज़दूर झारखण्ड, बिहार और उत्तर प्रदेश से आये प्रवासी...
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आइना-ए-योजना आयोग-4: लगता ही नहीं कि मेवात हरियाणा में
नई दिल्ली. चौतरफा आर्थिक विकास की बयार मिलेनियम सिटी गुड़गांव और फरीदाबाद की सीमाओं से सटे होने के बावजूद मेवात तक नहीं पहुंच सकी है। मेवात के हालात से केंद्रीय योजना आयोग खासा चिंतित है। उपलब्ध आंकड़ों के आधार पर आयोग ने राज्य सरकार को बताया है कि मेवात आज भी शिक्षा व स्वास्थ्य सुविधाओं की उपलब्धता व उपयोगिता के मामले में प्रदेश का सर्वाधिक पिछड़ा क्षेत्र है। आयोग के...
More »प्रदेश में परियों को पढ़ाने से है परहेज
नई दिल्ली. हरियाणा की जमीनी हकीकत क्या है इसे योजना आयोग ने साफ कर दिया है। कल हमने हेल्थ के हालात पर आंकड़ों के जरिए हकीकत बयान की थी। जन सरोकारों वाली इस रिपोर्ट में आज प्रदेश में महिला शिक्षा की स्थिति का जायजा लीजिए। प्रदेश में रोज खुल रहे नए विश्वविद्यालय और राष्ट्रीय शिक्षण संस्थानों की स्थापना शिक्षा के क्षेत्र में नई सुबह ला रही है। लेकिन इस सुबह की...
More »विद्रोह के केंद्र में दिन और रातें
जाने-माने मानवाधिकार कार्यकर्ता और ईपीडब्ल्यू के सलाहकार संपादक गौतम नवलखा तथा स्वीडिश पत्रकार जॉन मिर्डल कुछ समय पहले भारत में माओवाद के प्रभाव वाले इलाकों में गए थे, जिसके दौरान उन्होंने भाकपा माओवादी के महासचिव गणपति से भी मुलाकात की थी. इस यात्रा से लौटने के बाद गौतम ने यह लंबा आलेख लिखा है, जिसमें वे न सिर्फ ऑपरेशन ग्रीन हंट के निहितार्थों की गहराई से पड़ताल करते हैं, बल्कि माओवादी...
More »महिलाओं ने पुरुषों को दिखाई राह, बदली तकदीर
डोरीगंज [सारण, श्रीराम तिवारी]। ग्रामीण क्षेत्रों के विकास में स्वयं सहायता समूहों की भूमिका अब काफी सराहनीय हो गई है। अब महिलाएं पुरुषों से कदम से कदम मिलाकर चल ही नहीं रही वरन उन्हें रास्ता भी दिखा रही है। सदर प्रखंड अंतर्गत खलपुरा पंचायत की मुस्लिम परिवार की महिलाएं जो मानस संस्था द्वारा गठित समूहों में चूड़ी फरोश महिला मंडल की महिलाएं पहले तीन वर्ष पूर्व तक महाजनों से कर्ज लेकर फेरी कर काम...
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