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चिकित्सा प्रक्रियाओं से छिप जाती है हीटवेव में मरने वालों की सही संख्या

द थर्ड पोल, 10 जुलाई इस साल 15 से 22 जून के बीच, उत्तर प्रदेश के बलिया और देवरिया ज़िलों के दो अस्पतालों में 150 से अधिक लोगों की मौत हो गई। इस अवधि में, बलिया में तापमान 45 डिग्री सेल्सियस के करीब पहुंच गया था और ह्यूमिडिटी 30-50 फीसदी थी। हीटवेव का असर साफ़ नज़र आ रहा था। नेशनल ओशनिक एंड एटमॉस्फेरिक एडमिनिस्ट्रेशन के हीट इंडेक्स कैलकुलेटर के अनुसार, इन हालात...

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भारत में अंडे की कमी के चलते, कीट और पतंगे प्रोटीन और पोषण के लिए संभावित समाधान हो सकते हैं?

मोंगाबे हिंदी, 07 जुलाई भारत ने इस साल 17 जनवरी को जनसंख्या के मामले में चीन को पीछे छोड़ दिया। यह एक ऐसा तथ्य है जिसे लेकर हम असमंजस में हैं कि इस पर हम जश्न मनाएं या चिंतित हों। संयुक्त राष्ट्र के जनसंख्या विभाजन द्वारा किए गए अनुमानों के अनुसार, भारत का चीन से आगे निकल जाना साल 2025 तक होने की उम्मीद थी, लेकिन भारत की जनसंख्या वृद्धि अनुमानों...

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मणिपुर में सरकार ने इंटरनेट सेवाओं पर फिर लगाया प्रतिबंध, 10 जुलाई तक रहेगा नेट बंद

दिप्रिंट, 6 जुलाई पिछले दो महीने से मणिपुर में चल रहे हिंसा पर राज्य सरकार ने बुधवार को कहा कि उसने “शांति और सार्वजनिक व्यवस्था में किसी भी गड़बड़ी को रोकने के लिए” राज्य में इंटरनेट सेवाओं पर रोक पांच दिन और बढ़ा दी है. अब 10 जुलाई अपराह्न तीन बजे तक इंटरनेट सेवाओं पर रोक रहेगी. अधिकारियों ने तीन मई को जातीय समुदायों के बीच झड़पें शुरू होने के बाद पहली...

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सीवेज और कचरा निस्तारण न करने के लिए एनजीटी ने राज्यों पर लगाया करीब 80 हजार करोड़ का जुर्माना

डाउन टू अर्थ, 6 जुलाई  नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने सीवेज उपचार और कूड़ा-कचरा निस्तारण के नियमों का पालन न करने और आदेशों का उल्लंघन करने के लिए राज्य और संघ प्रदेशों पर अब तक करीब 80 हजार करोड़ रुपए का बड़ा जुर्माना लगाया है। एनजीटी ने पाया कि राज्यों और संघ प्रदेशों द्वारा सीवेज का उपचार करने और ठोस कचरे का निस्तारण करने में बड़ा गैप है। मसलन, 26,000 एमएलडी...

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पंचायतों में महिलाओं की मौज़ूदगी से ऐसे बदल रही है गाँवों की तस्वीर

गाँव कनेक्शन, 5 जुलाई महोबा के मामना गाँव की पँच रह चुकी पनकुंवर अपने गाँव की महिलाओं के लिए मिसाल हैं। दरअसल पँचायत सदस्य के रूप में चुने जाने के बाद भी उनको रबर स्टैंप से ज़्यादा अहमियत नहीं दी जाती थी। अक्सर प्रधान रजिस्टर पर दस्तख़त लेने के लिए किसी न किसी को उनके पास भेज देते थे। लेकिन एक दिन उनके इसपर एतराज़ और सवाल पूछने से ये परम्परा...

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