हालांकि केंद्र सरकार ने मनरेगा के अन्तर्गत दी जाने वाले मजदूरी को उपभोक्ता मूल्य सूचकांक से जोड़ने की बात मान ली है, फिर भी वह इस मामले में संविधानप्रदत्त न्यूनतम मजदूरी देने में संकोच कर रही है जबकि देश के कई सूबों में अब भी मनरेगा के अन्तर्गत दी जाने वाली मजदूरी न्यूतम मजदूरी से कम है। सरकार का तर्क है कि न्यूनतम मजदूरी दी गई तो बढ़ा हुआ वित्तीय...
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शिक्षा का हाल बेहाल, पढ़ाई-लिखाई से ज्यादा छुट्टियों की भरमार
रांची. राज्य में प्राथमिक शिक्षा का बुरा हाल है। इसका प्रमाण इस साल शिक्षकों के 254 में से 100 दिन गैर शैक्षणिक कार्य करने से लग सकता है। सरकार गुणवत्तापूर्ण प्राथमिक शिक्षा का दावा तो करती है, पर शिक्षकों को जनगणना (साल में दो बार), मतदाता सूची संशोधन, वोटर आईडी या पंचायत चुनाव में लगा देती है। आगामी 15 जनवरी से ये शिक्षक फिर से जनगणना कार्य में लगा दिए जाएंगे। शिक्षकों...
More »गुड गवर्नेस की उम्मीद या दिखावा - अश्विनी कुमार
मध्य प्रदेश के पब्लिक सर्विस गारंटी एक्ट 2010 से प्रेरणा लेकर बिहार पब्लिक सर्विस गारंटी एक्ट लागू करने के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के प्रस्ताव से बिहार में गवर्नेस के नये युग की शुरुआत होने की उम्मीद है. इस कानून के संबंध में नीतीश ने विधानसभा में कहा कि राज्य सरकार और उसकी संस्थाओं द्वारा दी जाने वाली सुविधा पाना लोगों का अधिकार है और इस काम में लगे अधिकारी अगर ऐसा नहीं...
More »दो सौ दिन पढ़ाना जरूरी, भले ही रविवार को खोलो स्कूल
रेवाड़ी. प्रदेश के सभी सरकारी स्कूलों को साल में कम से कम दो सौ दिन कक्षाएं लगाना अनिवार्य कर दिया गया है। भले ही इसके लिए रविवार को ही क्यों न पढ़ाना पड़े। इसके अलावा एक विद्यार्थी को सप्ताह में कक्षा में 35 घंटे की उपस्थिति जरूरी होगी। इससे पहले सरकारी स्कूलों मे 180 दिन का शैक्षिक वर्ष होता था। शिक्षा निदेशालय के इन नए नियमों का पालन न करने पर संबंधित...
More »इन करोड़ों बच्चों का पता कहां मिलेगा ---शिरीष खरे
2001 की जनगणना के ही अलग-अलग आकड़ों के जोड़-घटाव से एक अहम सवाल उभरता है. पहले आंकड़े के मुताबिक देश के 8 करोड़ 50 लाख बच्चे स्कूल नहीं जाते. दूसरे आंकड़े में 5 से14 साल उम्र के एक करोड़ 30 लाख बच्चे मजदूर हैं. अगर 8 करोड़ 50 लाख में से 1 करोड़ 30 लाख को घटा दें, तो सात करोड़ 20 लाख बचते हैं. यह उन बच्चों की संख्या है...
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