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डिजिटल पंचायत सिर्फ सपना नहीं, जरूरत भी- देवेन्द्र सिंह भदौरिया

पंचायत शासन की सबसे निचली इकाई हैं. सरकार गांवों की बेहतरी के लिए अनेक कल्याणकारी योजनाएं चला रही है. लेकिन आज भी देश की अधिकतर पंचायतें सूचना क्रांति के इस दौर में भी सरकार की योजनाओं की जानकारी प्राप्त करने के लिए बाबुओं या पंचायत प्रतिनिधियों पर निर्भर है. इन्हीं सब लोगों को सही सूचना मुहैया कराने और अपने अधिकारों के प्रति जागरूक करने का बीड़ा उठाया है डिजिटल फाउंडेशन...

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जो कुछ न किया उसे प्रतिष्ठा मिली, जिसने काम किया, उसे देश निकाला : नीतीश

पटना : पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार के विकास को लेकर अपने दिल की बात सामने रखी. शुक्रवार को आद्री परिसर में आयोजित समारोह में उन्होंने कहा कि कहा कि जो कुछ न करे, उसे प्रतिष्ठा मिली और जिसने काम किया, उसे देश निकाला हुआ. लेकिन, काम होना चाहिए. मैंने कोशिश की, काम हुआ. बालिका शिक्षा, पंचायतों में महिला आरक्षण, शौचालयों का निर्माण व सशक्तीकरण की अनेक योजनाओं को...

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शक्ति की करो तुम मौलिक कल्पना- रमेशचंद्र शाह

जनसत्ता 14 जुलाई, 2014 : भीतर और बाहर के सूने सपाट में अकस्मात यह कैसी तरंग उठी और उठ कर फैलती ही गई! महज एक काव्य-पंक्ति, सबकी जानी-मानी एक सुविख्यात कवि की क्यों इस तरह अयाचित और अकस्मात मन में कौंध उठी कि मुझे लगने लगा- मुझे जो कुछ कहना था वह मैंने कह दिया और कहने के साथ ही कर भी दिया। कुछ इस तरह कि मानो जो कुछ भीतर...

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बिहार: 'सड़ी हुई प्राथमिक शिक्षा व्यवस्था'- अमरनाथ तिवारी(बीबीसी)

शिक्षा और शिक्षकों को लेकर बिहार आजकल चर्चा में है जहां फ़र्ज़ी प्रमाणपत्रों का सहारा लेकर शिक्षक बनने के कई मामले सामने आ रहे हैं. राज्य में जब प्राथमिक स्कूलों में शिक्षकों की बड़े पैमाने पर भर्ती शुरू हुई तब कई लोगों को लगा कि इससे राज्य में शिक्षा का स्तर बेहतर होगा. लेकिन क्या वाक़ई ऐसा हुआ? पढ़ें पटना से अमरनाथ तिवारी की पूरी रिपोर्ट बिहार में साल 2003 में अनुबंधित शिक्षकों...

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नयी सरकार के सामने गांव के पुराने मुद्दे- पंचायतनामा डेस्क

16 मई को देश में लोकसभा चुनाव का परिणाम आ गया है. देश को भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार मिलने जा रही है. भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी ने चुनाव अभियान के दौरान अपने राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों पर राजनीतिक हमले के साथ विकास के मुद्दे को फोकस किया. उन्होंने कृषि, ग्रामीण रोजगार, शौचालय जैसे अहम मुद्दों की चर्चा प्रचार अभियान के दौरान की. हम अपनी आमुख कथा में गांव-पंचायत...

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