अपने देश के 80 करोड़ गरीब लोगों के लिए खाद्य सुरक्षा मुहैया करवाने की शुरुआत भारत सरकार की एक महत्वाकांक्षी योजना है। इस प्रकार की सामाजिक सुरक्षा वाली लोक कल्याणकारी योजना शुरू करना नैतिक रूप से सराहनीय है, लेकिन आर्थिक नजरिए से यह समस्या पैदा करने वाली भी है। इतनी बड़ी संख्या में लोगों के लिए शुरू की गई ऐसी योजना को निरंतर बनाए रखने और उसके लिए पैसा जुटाने के लिए ...
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1.37 करोड़ गरीबों को दुर्गा पूजा में राशन नहीं
पटना: पटना जिले के फतुहा प्रखंड के अलावलपुर गांव के राजेंद्र दास को जून के बाद का राशन नहीं मिला है. राजेंद्र दास जैसे लाखों परिवारों को पिछले दो माह से राशन नहीं मिल सका है. राज्य के 1.37 करोड़ गरीबों की दुर्गापूजा राशन के बगैर मनेगी. जनवितरण प्रणाली (पीडीएस) की दुकानों से अधिकतर जिलों में सितंबर का भी राशन नहीं बंटा है. कई जिलों में तो जुलाई व अगस्त का भी राशन...
More »लोकतांत्रिक संस्थाओं को कमजोर करने वाले- तवलीन सिंह
राहुल गांधी के कहने पर सरकार ने अपना अध्यादेश वापस ले लिया पिछले सप्ताह। जिस दिन से राहुल जी ने अध्यादेश के खिलाफ आवाज उठाई, उस दिन से ही तय हो गया कि ऐसा होना ही था, लेकिन ऐसा लगने लगा है मुझे कि दिल्ली में बैठे कई वरिष्ठ राजनीतिक पंडितों को अपनी 'बकवास' पर विश्वास होने लगा है। सो अध्यादेश के वापस लिए जाने के अगले दिन अखबारों की सुर्खियों...
More »आज के संदर्भ में ग्राम-स्वराज- भारत डोगरा
जनसत्ता 2 अक्तूबर, 2013 : गांधीजी ने ग्राम स्वराज्य का सपना देखा था। लेकिन आजादी मिलने के बाद जो विकास नीति अपनाई गई, उसमें इस सपने के लिए कोई जगह नहीं थी। इसीलिए ग्रामीण इलाकों से शहरों की तरफ पलायन हमारे नीति नियंताओं को कभी चुभा नहीं। सकल राष्ट्रीय आय में कृषि क्षेत्र की घटती हिस्सेदारी भी उन्हें चिंतित नहीं करती। भारत के गांवों में आजादी के बाद कैसा बदलाव हुआ? इतने...
More »अमीर कर्जदारों से गरीब ज्यादा भरोसेमंद
श्रीनगर। भारत के गरीब कहीं अधिक भरोसेमंद हैं। अपनी ऋण अदायगी की आदतों की वजह से गरीब अमीरों के मुकाबले बेहतर और ईमानदार कर्जदार हैं। यह कहते हुए वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने बैंकों से निर्धनों को ज्यादा से ज्यादा कर्ज देकर वित्तीय समावेश को सफल बनाने की अपील की। चिदंबरम जम्मू एंड कश्मीर बैंक की 75वीं वर्षगांठ पर मंगलवार को यहां आयोजित समारोह को संबोधित कर...
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