आखिरकार कोई तो बुद्धिमानी से बोला। अब तक तो हमने काले धन को लेकर हर किसी को आक्रोश व्यक्त करते हुए ही देखा, लेकिन किसी ने व्यावहारिक समाधान नहीं सुझाया। बोफोर्स घोटाले से इसकी शुरुआत हुई थी और उसके कारण राजीव सरकार को सत्ता से बेदखल होना पड़ा। फिर तो हर किसी को यह समझ में आ गया कि काला धन राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी की प्रतिष्ठा को खत्म करने का एकदम...
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व्यापमं घोटाले का होगा व्यापक असर - संजय गुप्त
मप्र व्यावसायिक परीक्षा मंडल यानी व्यापमं की भर्ती परीक्षाओं में हुए घोटाले और इसकी जांच के घेरे में आए कई लोगों की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत ने शिवराज सिंह सरकार की नींद पहले ही उड़ा रखी थी, लेकिन हाल में जब इस मामले की तहकीकात कर रहे एक पत्रकार और जांच से जुड़े एक मेडिकल शिक्षक की रहस्यमय हालत में मौत हुई तो उसकी प्रतिक्रिया देशभर में हुई। नतीजा यह...
More »सांसदों के वेतन-भत्ते का सवाल - ए. सूर्यप्रकाश
इन खबरों के बाद अपने सांसदों पर निगाह जाना स्वाभाविक है कि वे एक बार फिर अपनी वेतनवृद्धि हेतु आधार तैयार कर रहे हैं। इस तरह के प्रयास के लिए मीडिया में उनकी आलोचना हो रही है। सांसदों के वेतन-भत्ते में बढ़ोतरी की जब भी बात होती है तो इस तरह की बातें होने की कई वजहें होती हैं। इनमें से कुछ पर नजर डालना जरूरी है। इस तरह वेतन-भत्ते...
More »नारेबाजी तक सीमित रह गए नारे - गोपालकृष्ण गांधी
इधर चेन्नई में कुछ दिनों पहले योगेंद्र यादव को सुनने का सुयोग मिला। एक स्कूल में बोल रहे थे। सुनने वालों में छात्र-छात्राओं के अलावा कई 'बड़े" भी थे, बुजुर्ग भी। हर उम्र के लोगों के लिए उनकी तकरीर वाजिब और अनुकूल थी। योगेंद्र बहुत ही रुचिकर मुद्दे पर बोल रहे थे - इंकलाब पर दोबारा सोच या क्रांति पर पुनर्विचार। उन्होंने कहा कि वे पुणे से आ रहे हैं,...
More »जन-गण का 'अधिनायक' कौन? - मृणाल पांडे
राजस्थान के राज्यपाल कल्याण सिंह ने हाल में राजस्थान विवि के दीक्षांत समारोह के अवसर पर कविगुरु रबींद्रनाथ टैगोर के लिखे राष्ट्रगान 'जन गण मन" के एक शब्द 'अधिनायक" पर आपत्ति जताई है। महामहिम के अनुसार टैगोर ने यह गान तत्कालीन ब्रिटिश राजा जॉर्ज पंचम के भारत आगमन पर 26 दिसंबर, 1911 को आयोजित ऐतिहासिक दिल्ली दरबार में उनकी स्तुति में लिखा था और इसमें 'अधिनायक" विशेषण ब्रिटिश बादशाह का...
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