नई दिल्ली. भारत में एक ओर रोज करोड़ों लोगों को भूखे सोना पड़ता है, जबकि दूसरी ओर हर दिन 82 करोड़ रुपये से भी ज्यादा मूल्य का अन्न बर्बाद हो जाता है। वह भी केवल इसलिए क्योंकि सरकार के पास यह अन्न रखने और एक जगह से दूसरी जगह लाने-ले जाने की पर्याप्त सुविधा नहीं है। केंद्रीय खाद्य एवं प्रसंस्करण मंत्री सुबोध कांत सहाय ने सोमवार को राज्य सभा में एक सवाल के...
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करोड़ों की चीनी गली
भोपाल. अगस्त 2009 में सरकार ने जमाखोरों और व्यापारियों के खिलाफ मुहिम चलाकर शक्कर जब्त की थी। उस समय दावा किया गया था कि इससे आसमान छूती कीमतों में कमी आ जाएगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। उलटा प्रदेशभर के अलग-अलग भंडारगृहों में पड़ी यह शक्कर अब खराब हो रही है। इतना ही नहीं मानसून की आमद ने इस खतरे को और ज्यादा बढ़ा दिया है। प्रदेशभर के भंडारगृहों की हालत खराब है...
More »इनसे नहीं देखा जाता गरीबों का दर्द
गोरखपुर [हेमन्त कुमार पाठक]। जब गंभीर बीमारी या असहनीय कष्ट से परेशान हो जाते हैं तब डाक्टर ही हमारी पीड़ा दूर करते हैं। लाखों लोग हैं जो गंभीर रोगों के शिकार हैं और सिर्फ इलाज के दम पर ही सांस ले रहे हैं। शायद इसीलिए डाक्टर को भगवान का दर्जा दिया गया है, लेकिन आज बढ़ते व्यवसायिकता के दौर में सबकुछ बदलता जा रहा है। कई बार इलाज इतना महंगा...
More »चीन से दूध आयात पर रोक की अवधि बढ़ी
नई दिल्ली। सरकार ने चीन से दूध और दुग्ध उत्पादों के आयात पर रोक छह महीने के लिए और बढ़ा दी है। विदेश व्यापार विभाग के मुताबिक भारत में पड़ोसी मुल्क से आयात होने वाले जिन उत्पादों पर रोक लगाई गई है उनमें चॉकलेट और चॉकलेट उत्पाद, कैंडीज, मिठाइयां एवं दूध से तैयार खाद्य पदार्थ शामिल हैं। वर्ष 2008 से ही चीन से दूध और दुग्ध उत्पादों के आयात पर...
More »फल पकाने में रसायन उपयोग पर केंद्र सख्त
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। स्वास्थ्य मंत्रालय ने सभी राज्यों को पत्र लिख कर आम, पपीते और दूसरे फलों को पकाने के लिए एसिटलीन [कार्बाइड] तथा एथिलीन जैसी गैसों और एथिफोन सोल्यूशन जैसे खतरनाक रसायनों का इस्तेमाल करने वालों के खिलाफ सख्त कदम उठाने को कहा है। केंद्र ने ऐसे मामलों में सुस्ती के लिए जहां राज्य सरकारों को फटकारा है, वहीं गोदामों और दुकानों में ऐसे रसायनों के इस्तेमाल का...
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