सूखे का संकट रहिमन पानी राखिये, बिन पानी सब सून। पानी गये न उबरे, मोती मानुष चून॥ हिमांशु ठक्कर वर्षों पूर्व रहीम की वाणी ने जिस संकट के प्रति आगाह किया था, वह आज फिर यथार्थ के रूप में हमारे सामने है. कुछ माह पहले तक सूखे का जो संकट मराठवाड़ा और बुंदेलखंड जैसे कुछ इलाकों तक सीमित था, वह अब देश के दस से ज्यादा राज्यों में फैल चुका है. सूखे और...
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लालू ने निजी क्षेत्र में आरक्षण पर दिया बड़ा बयान
पटना : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के 50 प्रतिशत के आरक्षण के प्रावधान को बढ़ाये जाने के संविधान संशोधन और निजी क्षेत्र में भी आरक्षण की वकालत किये जाने के एक दिन बाद राजद प्रमुख लालू प्रसाद ने भी आज कहा कि इसके लिए शुरू से वे संघर्ष कर रहे हैं. हमने आरक्षण के लिए संघर्ष किया-लालू पटना में आज पत्रकारों से बातचीत के दौरान लालू ने कहा कि शुरू से...
More »आरक्षण की आग में झुलसता समाज- नीरजा चौधरी
कृषक जातियों में बेचैनी तेजी से बढ़ रही है, क्योंकि खेती-किसानी अब मुनाफे का काम नहीं रही। उनके बच्चों के पास तकनीकी तालीम भी नहीं है, जिससे वे नए जमाने की नौकरियां पा सकें। ऐसे में राजनीतिक दांव-पेच उन्हें और अधीर कर रहे हैं। जाति-युद्ध की तरफ बढ़ती आग को रोकने के लिए फौरन कदम उठाए जाने चाहिए। हाल के घटनाक्रमों पर पेश है वरिष्ठ पत्रकार नीरजा चौधरी का विश्लेषण पिछले...
More »पानी का खेल, कौन पास कौन फेल
चंडीगढ़, 6 अप्रैल (ट्रिन्यू) एसवाईएल विवाद पर हर बड़ी पार्टी के पंजाब के संदर्भ में अलग और हरियाणा के संदर्भ में अलग बयान हैं। कांग्रेस नेता कैप्टन अमरेंद्र की ही पार्टी के नेता और हरियाणा के पूर्व सिंचाई मंत्री कैप्टन अजय यादव कहते हैं-इराडी ट्रिब्यूनल ने कुल पानी की मात्रा 18.28 एमएएफ बतायी थी और वही अंतिम आधार है जल की मात्रा के आकलन का। किस आधार पर पंजाब के सीएम...
More »सूखा और जल संसाधन प्रबंध-- बिभाष
महाराष्ट्र फिर सूखे के चपेट में है. बुंदेलखंड पहले से ही समाचारों में बना हुआ है. खेती और किसानों को लेकर रोज बुरी खबरें आ रही हैं. महाराष्ट्र में पानी की कमी का लगातार तीसरा साल है. बुंदेलखंड में भी सूखे का चौथा साल चल रहा है. खेती बुरी तरह से संकट में है. दरअसल, पूरा मामला जल और भूमि के कुप्रबंध का है. देश में हर साल कहीं...
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