नई दिल्ली [सुरेंद्र प्रसाद सिंह]। हड्डियों के कमजोर होने का खतरा, दांत पीले पड़कर गिरने का खतरा और ऐसे ही न जाने कितने और बीमारियों का अंदेशा। चौंकिए नहीं, हम धूम्रपान या नशीले पदार्थो की बात नहीं कर रहे। बल्कि यह मसला उस चावल का है जिसमें आर्सेनिक यानी संखिया के अंश मिले हैं। पूर्वी राज्यों के मुख्य भोजन में शामिल बोरो चावल आर्सेनिक की मौजूदगी के कारण अचानक खतरनाक हो गया है। यह जोखिम...
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अब नरेगा मजदूरों के लिए बायोमेट्रिक कार्ड
नई दिल्ली। महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना [नरेगा] में और ज्यादा पारदर्शिता लाने के लिए मजदूरों को बायोमेट्रिक कार्ड देने की योजना है। देश के कई हिस्सों में इस योजना में अनियमितताओं की शिकायतें मिलती हैं। ग्रामीण विकास मंत्रालय के आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि मंत्रालय की हाल की एक बैठक में नरेगा कर्मचारियों के लिए '12 महीने के भीतर' बायोमेट्रिक कार्ड बनाने की योजना के बारे में फैसला किया गया। बैठक में यूनिक...
More »रोटी को तरसते लोग, गोदामों में सड़ते अनाज
नई दिल्ली [उमा श्रीराम]। करीब 70 वर्ष पहले चर्चित कवि सुब्रमण्यम भारती ने यह कहकर हलचल मचा दी थी कि यदि दुनिया में एक भी आदमी भूखा है तो इस विश्व को ही नष्ट कर दो। भारती जी ने तभी भारत की आजादी को देख लिया था और उन्होंने आधुनिक भारत, युवा वर्ग व महिलाओं को समर्पित करते हुए कई कविताएं रच डाली थी। पर दुर्भाग्य से वे यह कल्पना भी नहीं कर सके...
More »लीची को लूट लिया पछुआ ने
पटना। पछुआ ने लीची को लूट लिया। किसान माथा पीट रहे हैं। बर्बादी का अंदाज इसी से कि आधा से अधिक उत्पादन प्रभावित है। शुरू में लीची खातिर मौसम अनुकूल था। मगर अप्रैल-मई की झुलसाने वाली गर्मी और पिछले दिनों चली पछुआ हवा ने मुजफ्फरपुर, मोतिहारी, बेगूसराय के बड़े रकबे में लीची की फसल को बर्बाद कर दिया है। भीषण गर्मी ने दोतरफा मार की। एक, शुरू में बड़ी मात्रा में फूल...
More »अपने देश में कोई मध्यवर्ग ही नहीं!
नई दिल्ली। अपने देश के जिस मध्यवर्ग को केंद्र में रखकर देसी-विदेशी कंपनियां अपने माल की बिक्री की रणनीति बनाती आई हैं, उसका अस्तित्व ही नहीं है। जिस मध्यवर्ग को राजनीतिक, सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक रूप से सबसे ज्यादा संवेदनशील माना जाता है और जो बड़े-बड़े बदलावों का माध्यम बनता रहा है, उसे अपने देश में ढूंढ़ना बेकार है। भारत जैसे विकासशील देशों में मध्यवर्ग के लिए गढ़ी गई नई अंतरराष्ट्रीय परिभाषा के आधार पर यह...
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