मो. इमरान खान, नारायणपुर। जिले के किसानों ने घर-घर से एक-एक मुट्ठी चावल जुटाकर आठ साल में करीब एक करोड़ रुपए की पूंजी बना ली है। इस रकम से वे न केवल खेती और पशुपालन के लिए कर्ज लेते हैं बल्कि समिति से बाहर के किसानों को भी कर्ज देते हैं। यह मुहिम 2006 से शुरू हुई। शुरू में हर परिवार की महिला रसोई से रोजाना एक मुट्ठी चावल समिति के...
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कुशासन और सुशासन का मेल - प्रदीप सिंह
बीस साल बाद लालू प्रसाद यादव और नीतीश कुमार एक मंच पर। कुशासन और सुशासन का मेल! क्या ऐसा हो सकता है? शायद इसीलिए राजनीति को संभावनाओं का खेल कहते हैं। राजनीति में वह भी संभव हो जाता है, जो जीवन के दूसरे हिस्सों में असंभव लगता है। सवाल यह नहीं है कि कौन किससे मिला। सवाल इस बात का है कि इस मेल का नतीजा (चुनाव परिणाम की बात...
More »विलुप्ति की कगार पर खड़ी 250 बोली व भाषाओं में छत्तीसगढ़ी
बिलासपुर (निप्र)। सेंटर फॉर रिजर्वेशन ऑफ इनडेंजर लैंगवेज के संबंध में संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक वैज्ञानिक एवं सांस्कृतिक संगठन (यूनेस्को) ने एक सर्वे रिपोर्ट प्रस्तुत की है। इसमें भारत की ढाई सौ भाषाएं व बोलियां की विलुप्ति का खतरा बताया गया है। इसमें छत्तीसगढ़ी भी शामिल है। इसके बाद केंद्र सरकार ने यूजीसी को इन भाषाओं व बोलियों के संरक्षण करने के लिए कहा है। पिछले दिनों दिल्ली में इस मामले...
More »इजरायली केले और ताइवानी पपीते को भा गई छत्तीसगढ़ की आबोहवा
नारायणपुर। जिले में इजरायली प्रजाति के केले और ताइवानी प्रजाति के पपीते को यहां की आबोहवा भा गई है। अच्छा उत्पादन देने वाली इन प्रजातियों के फलों से किसानों को काफी फायदा हो रहा है। शुरू में इसे प्रयोग के तौर पर यहां लाया गया था। तीन साल में इसका रिजल्ट आ गया। इजरायली प्रजाति के केले का उत्पादन अच्छा होने लगा है। इसी तरह ताइवानी पपीते के पौधों की डिमाण्ड...
More »किसे है जीएम फसलों की जरूरत? - देविंदर शर्मा
गिल्स-एरिक सेरालिनी फ्रांस के नोर्मांडी में स्थित काएन यूनिवर्सिटी में प्राध्यापक हैं। दो साल पहले, वर्ष 2012 में उनके एक शोध पत्र ने वैज्ञानिक जगत में खलबली मचा दी थी। सेरालिनी ने कुछ चूहों को दो वर्ष तक जेनेटिकली मोडिफाइड (जीएम) अनाज खिलाया था। नतीजे चौंकाने वाले रहे। चूहों के शरीर पर बहुत बड़े आकार वाली गांठें उभर आईं। साथ ही उनमें यकृत और गुर्दे की बीमारियां भी पाई गईं।...
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