पूर्णिया [कुंदन]। कथा शिल्पी फणीश्वर नाथ रेणु की कालजयी रचना मैला आंचल के किरदार डागडर बाबू की झलक मोहनपुर अतिरिक्त स्वास्थ्य केंद्र में दिख रही है। एक दशक से एक चिकित्सक के लिए तरस रहे मोहनपुर के लोगों के लिए वे धरती के भगवान बन सेवा कर रहे हैं। दरअसल इस स्वास्थ्य केंद्र में सेवामुक्त हो चुके सिविल सर्जन डा. बीके सिंह मरीजों को नि:शुल्क सेवा दे रहे हैं। उनकी नि:स्वार्थ...
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दूध, दाल व सब्जियों के चलते खाद्य महंगाई दर बढ़ी
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। मानसून के बाद खाद्य कीमतों में कमी आने की उम्मीद लगाए केंद्र सरकार को मुंह की खानी पड़ सकती है। दरअसल, मानसून से पहले कुछ प्रमुख खाद्य उत्पादों की कीमतों में काफी तेजी से वृद्धि हो रही है। केंद्र सरकार के ताजा आंकड़े बताते हैं कि दूध, दाल और सब्जियों की कीमतों में लगातार तेजी का रुख बना हुआ है। इसके चलते 12 जून को समाप्त...
More »कोसी आपदा राहत के लिए मिलेंगे 900 करोड़
नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। अगस्त 2008 में कोसी नदी में आई भयंकर बाढ़ के पीड़ितों को राहत देने की कोशिशें अब तक जारी हैं। विश्व बैंक की ओर से इस काम के लिए बिहार को 900 करोड़ रुपये [20 करोड़ डालर] की मदद देने पर विचार किया जा रहा है। संबंधित प्रस्ताव को विश्व बैंक के निदेशक मंडल की शीघ्र ही मंजूरी मिल सकती है। दरअसल, विश्व बैंक को पिछले...
More »जहर का कारोबार- वंदना शिवा
भोपाल गैस त्रासदी मनुष्य जाति के इतिहास का भयावहतम औद्योगिक हादसा था, लेकिन इसके शिकार हुए लोगों के साथ हुआ अन्याय भी किसी त्रासदी से कम नहीं है। यूनियन कार्बाइड में ‘काराबिल’ नामक कीटनाशक बनाया जाता था, जिसका इस्तेमाल मुख्यत: कपास की खेती में होता है। गैस त्रासदी के बाद ही मैंने निश्चय किया था कि मैं जैविक खेती को बढ़ावा देने की कोशिश करूंगी और यही विचार ‘नवधान्य’ की...
More »मांग के कंधे पर बैठी महंगाई
नई दिल्ली [अंशुमान तिवारी]। कदम रुके थे, पैर में बंधा पत्थर तो जस का तस था। महंगाई गई कहां थी? अर्थव्यवस्था मंदी से निढाल होकर बैठ गई थी इसलिए महंगाई का बोझ बिसर गया था। कदम फिर बढ़े हैं तो महंगाई टांग खींचने लगी है। मुद्रास्फीति का प्रेत नई ताकत जुटा कर लौट आया है। मंदी के छोटे से ब्रेक के बीच महंगाई और जिद्दी, जटिल व व्यापक हो...
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