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सुरक्षा बलों से फर्जी गिरफ्तारियां करवा कर क्या हम उन्हें भ्रष्ट नहीं बना रहे हैं?

-जनपथ, 2022 में उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव हैं। कोविड के कुप्रबंधन, पंचायत चुनावों में करारी हार व राम मंदिर के लिए अयोध्या में भूमि घोटाला से भारतीय जनता पार्टी को अपनी सियासी जमीन खिसकती नजर आ रही थी। अब उसने आंतकवाद के नाम पर राजनीतिक ध्रुवीकरण का पुराना खेल शुरू किया है। लखनऊ में 11 जुलाई, 2021 को आतंकवाद निरोधक दस्ता ने 30 वर्षीय मिनहाज अहमद पुत्र सिराज अहमद को दुबग्गा से...

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दैनिक भास्कर की वो रिपोर्ट्स, जिनके कारण पड़ा आईटी का छापा!

-न्यूजलॉन्ड्री, देश के प्रतिष्ठित अखबारों में से एक दैनिक भास्कर समूह पर बीती रात से ही आयकर विभाग छापेमारी कर रहा है. यह छापेमारी अखबार के गुजरात, महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, राजस्थान और दिल्ली में स्थित दफ्तरों में की जा रही है. इस छापेमारी पर भास्कर ग्रुप ने एक खबर प्रकाशित की है. जिसका शीर्षक है, “सच्ची पत्रकारिता से डरी सरकार”. खबर में बताया गया है कि उन्होंने कोविड की दूसरी लहर के दौरान...

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मॉनसून सत्र के साथ जंतर-मंतर पर लगी ‘किसान संसद’, कृषि कानूनों पर हुई चर्चा!

-गांव सवेरा, संसद के मॉनसून सत्र के साथ किसानों ने भी जंतर-मंतर पर अपनी ‘किसान संसद’ लगाई. संयुक्त किसान मोर्चे के कार्यक्रम के तहत किसान जंतर-मंतर पर ‘किसान ससंद’ लगाने के लिए पहुंचे. धरना प्रदर्शन के कार्यक्रम के तहत 200 किसान बसों में सवार होकर सिंघू बॉर्डर से जंतर-मंतर पर पहुंचे. किसानों के प्रदर्शन को देखते हुए सिंघु बॉर्डर से लेकर जंतर-मंतर तक भारी सुरक्षा बल की तैनाती की गई थी. संसद भवन...

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क्या भारत के कोविड डेटा पर विश्वास किया जा सकता है? देखिए यह आंकड़े

-न्यूजलॉन्ड्री, इस लेख में, हम हर दिन हर घंटे पैदा हो रहे कोविड से जुड़े डेटा को समझने का प्रयास करेंगे. लेकिन विस्तार में जाने से पहले आइए समझने की कोशिश करें कि इस लेख का उद्देश्य क्या है? लक्ष्य कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर लगता है कि बीत गई है. पिछले कुछ हफ्तों से, कोविड के रोजाना नए मामलों और प्रतिदिन होने वाली मौतों में कमी आ रही है. लेकिन दूसरी लहर...

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क्या बैंकों का निजीकरण एक व्यवहार्य विकल्प है?

-जनपथ, वित्तीय वर्ष 2022 के निजीकरण अभियान के लिए 1.75 लाख करोड़ रुपये के विनिवेश लक्ष्य पर ध्यान केंद्रित करते हुए वित्त मंत्रालय द्वारा सार्वजनिक क्षेत्र के दो बैंकों को बैंकिंग कंपनियां (उपक्रमों का अधिग्रहण और हस्तांतरण) अधिनियम, 1970 और 1980 से बाहर लाने के लिए विधायी संशोधन संसद के मॉनसून सत्र में लाने की चर्चा है। आईडीबीआई बैंक का निजीकरण भी प्रक्रियाधीन है। गत पचास वर्षों से देश की अर्थव्यवस्था की...

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