-द प्रिंट, कोविड-19 महामारी के दौरान भारत में लाखों लोग गरीबी के गर्त में चले गए, लेकिन शुरुआती कड़े लॉकडाउन के बाद की अवधि में, देश आय की असमानताओं में भी कमी देखी गई- ये खुलासा पिछले महीने प्रकाशित एक वर्किंग पेपर में किया गया है. ‘कोविड के दौरान भारत में असमानता घटी’ शीर्षक से इस पेपर में जिसे अर्थशास्त्र पर शोध और उसका प्रसार करने वाली, अमेरिका में स्थित एक गैर-मुनाफा...
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पंजाब ड्रग रैकेट : मजीठिया के खिलाफ आठ साल बाद एफआईआर दर्ज
-कारवां, शिरोमणि अकाली दल के शासन में पंजाब के राजस्व मंत्री रहे शक्तिशाली मजीठिया परिवार के वंशज, बठिंडा सांसद हरसिमरत कौर बादल के छोटे भाई और अकाली प्रमुख सुखबीर सिंह बादल के बहनोई बिक्रम सिंह मजीठिया का नाम आखिरकार 20 दिसंबर को नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सबस्टेंस एक्ट, 1985 के तहत एफआईआर में दर्ज कर लिया गया. करोड़ों रुपए के ड्रग्स मामले में पहली बार नाम सामने आने के लगभग आठ साल...
More »देश में बेरोज़गारी दर चार महीने के उच्च स्तर पर, दिसंबर में 7.9 फीसदी हुई: रिपोर्ट
-द वायर, देश में दिसंबर महीने में बेरोजगारी दर चार महीने के उच्च स्तर पर पहुंच गई है. सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (सीएमआईई) की बेरोजगारी दर को लेकर सोमवार को जारी रिपोर्ट से यह पता चला. रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, सीएमआईआई के आंकड़ों के मुताबिक, दिसंबर में बेरोजगारी दर बढ़कर 7.9 फीसदी हो गई जबकि नवंबर में यह दर सात फीसदी थी. दिसंबर की बेरोजगारी दर अगस्त के बाद सबसे अधिक है. अगस्त...
More »भिवानी: अवैध खनन के चलते तोशाम में पहाड़ खिसकने से तीन मजदूरों की मौत, कई दबे
-गांव सवेरा, भिवानी के तोशाम खनन क्षेत्र में 1 जनवरी को डाडम पहाड़ के पिट नंबर 37-38 में भारी हादसा हुआ, जिसमें पहाड़ के दरकने की वजह से 10 से अधिक मजदूरों के दबे होने की सूचना मिल रही है. हादसे में तीन लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि कई अन्य गंभीर रूप से घायल हैं और उन्हें हिसार के सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया है. मृतक छत्तीसगढ़, राजस्थान...
More »समावेशी कृषि हो 2022 के लिए विकास का रोडमैप
-रूरल वॉइस, अब देश के नीति निर्माताओं को अभी की जरूरत, वर्तमान संकट का उपाय जैसे शब्दों को नकार कर देश की समस्याओं के लिए स्थायी समाधान तलाशने होंगे। भ्रष्टाचार, निरक्षरता, शिक्षा व्यवस्था, स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली, गरीबी, जलवायु परिवर्तन, घटता भूजल स्तर, वायु प्रदूषण, ठोस अवशेष, महिला सशक्तीकरण, बेरोजगारी, कृषि संकट, बाढ़, सुखाड़, लंबित न्याय, सकल घरेलू उत्पाद आदि मुद्दे आज देश के सामने हैं जिनको प्राथमिकता के आधार पर हल...
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