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अर्थव्यवस्था के मर्ज की दवा- लार्ड मेघनाद देसाई

वर्ष 2014 में भारत की अर्थव्यवस्था के समक्ष पहली चुनौती महंगाई है. इससे निबटना नयी सरकार की सबसे बड़ी जिम्मेवारी होगी. पिछले तीन-चार वर्षो से महंगाई की दर बहुत अधिक रही है. महंगाई की समस्या बहुआयामी है. यह अन्य समस्याओं को भी जन्म दे रही है. इससे देश में बहुत बड़ा संकट आया है. अगर सरकार इन चुनौतियों से मुकाबला करने में सक्षम रही, तो भारत की अर्थव्यवस्था उम्मीदों से...

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संस्कृति और विकास का अंतर्विरोध - डा. भरत झुनझुनवाला

हाइड्रोपावर का नरेंद्र मोदी के बताये उद्देश्यों से घोर अंतर्विरोध है. भाजपा और कांग्रेस दोनों ही हाइड्रोपावर के पक्षधर हैं, परंतु हाइड्रोपावर के दुष्परिणामों के कारण जनता द्वारा विरोध होने से दोनों ही पार्टियां अपने दुष्चिंतन को लागू नहीं कर पायी हैं. नरेंद्र मोदी ने उत्तराखंड दौरे के दौरान कांग्रेस पर आरोप लगाया कि पहाड़ के युवा बेरोजगार हैं चूंकि विकास नहीं हो रहा है. उन्होंने उत्तराखंड को स्पिरिचुअल एनवायरन्मेंट जोन...

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गन्ने की कीमत से आगे- अपूर्वानंद

जनसत्ता 10 दिसंबर, 2013 : उत्तर प्रदेश से अब गन्ना उगाने वाले किसानों के मिल मालिकों से संघर्ष की खबरें आ रही हैं। यह संघर्ष जोरदार है। और एक तरह से इसे सफल जन संघर्ष कहा जा सकता है। इसने मुजफ्फरनगर की तीन महीने से चली आ रही हिंसा की खबरों को पीछे धकेल दिया है। कम से कम हिंदी अखबारों में। इस आंदोलन में भारतीय राष्ट्रीय  लोक दल के लोग...

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आधी आबादी की राजनीतिक हिस्सेदारी- अरविन्द मोहन

चुनाव आते ही अगर सभी दलों और सचेत लोगों को महिलाओं के कम प्रतिनिधित्व का मसला याद आने लगता है, तो यह महिलाओं के प्रति उनके अनुराग या देश में महिलावादी आंदोलन का जोर बढ़ने का नतीजा नहीं है. अभी तक महिलाओं का अपना आंदोलन शहरों को छोड़ कर कहीं नहीं गया है. असल में इसका कारण हाल के चुनावों में महिलाओं की बढ़ती भागीदारी है. बीते दो-ढाई दशक में अगर...

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साझी लूट साझी सियासत- कनक तिवारी

जनसत्ता 16 अक्तूबर, 2013 : सर्वोच्च अदालत के दो ताजा लागू फैसलों और केंद्रीय चुनाव आयोग के एक गैर-लागू निर्णय के बाद चुनावी भ्रष्टाचार के दलदल में रसूखदार राजनीतिकों के धंसने का नया युग शुरू हो गया है। न्यायमूर्ति अनंगकुमार पटनायक और न्यायमूर्ति एसजे मुखोपाध्याय की पीठ ने दस जुलाई के ऐतिहासिक निर्णय के जरिए यह कील ठोंक दी है कि दो वर्ष या इससे अधिक की सजा पाने वाला...

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