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सांसदों के भत्तों में 40 हजार की बढ़ोत्तरी मंजूर , निर्वाचन और ऑफिस भत्ता में बड़ा इजाफा

संसद सदस्यों को अब 40 हजार रुपये बढ़े हुए भत्ते मिलना लगभग तय हो गया है क्योंकि केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार (28 मार्च) को इस संबंध में एक प्रस्ताव को अनुमति दे दी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में कैबिनेट ने भत्ता नियमों में संशोधन को एक अप्रैल से लागू करने को मंजूरी दे दी जिससे आवर्ती और गैर आवर्ती व्यय खर्च का अतिरिक्त बोझ क्रमश: 39...

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केंद्रीय मंत्री बोले- स्‍कूल-कॉलेजों को वास्‍तु के हिसाब से बनाना जरूरी

चार्ल्स डार्विन के सिद्धांत पर अंगुली उठाने वाले केंद्रीय मानव संसाधन विकास राज्यमंत्री सत्यपाल सिंह ने इस बार महान वैज्ञानिक आइजेक न्यूटन पर विवादित बयान दिया है। केंद्रीय मंत्री ने स्कूल-कॉलेजों का निर्माण भी वास्तु के हिसाब से कराने की सलाह दी है। उन्होंने अध्ययन-अध्यापन के लिए इसे महत्वपूर्ण बताया है। आईपीएस अधिकारी रह चुके सत्यपाल सिंह ने सेंट्रल एडवायजरी बोर्ड ऑफ एजुकेशन (CABE) की बैठक (15-16 जनवरी) के दौरान...

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धरोहर से भी ज्यादा हैं नदियां -- वीरेंद्र कुमार पैन्यूली

राज्य अपने-अपने क्षेत्र में बहती नदियों को अपने स्वामित्व की सरकारी संपत्ति मानते रहे हैं। कई मामलों में राज्यों की जनता भी वैसी ही समझ रखती है। ऐसी संपत्ति जिसको वे तिजोरी में बंद कर सकते हैं और उसमें दूसरों की हिस्सेदारी वे ही तय करेंगे। बांधों और नहरों पर पहरे लगने और उनके लिए जंग होने की खबरें अब कोई नई बात नहीं हैं। कावेरी नदी के जल पर...

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भ्रष्ट नौकरशाही पर नकेल का फॉर्मूला - डॉ. भरत झुनझुनवाला

पंजाब नेशनल बैंक में घोटाले से स्पष्ट हो गया कि सरकारी तंत्र के निचले हिस्से में भ्रष्टाचार पहले की तरह फल-फूल रहा है। जानकार बताते हैं कि प्रधानमंत्री मोदी ने ऊंचे स्तर पर तमाम ईमानदार अधिकारियों को नियुक्त किया है। वित्त सचिव और पीएनबी के प्रबंध निदेशक भी ईमानदार ही होंगे, लेकिन क्या उनके नीचे के लोग भी वैसे ही हैं? एक वृत्तांत वर्तमान स्थिति को स्पष्ट करता है। किसी...

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लाइलाज हो चुकी है एनपीए की बीमारी-- आदर्श तिवारी

बैंकों की तेजी से बढ़ती गैर निष्पादित परिसंपत्तियां (एनपीए) आज एक ऐसी लाइलाज बीमारी बन चुकी हैं जिसका इलाज विशेषज्ञों को भी नहीं सूझ रहा है। इसलिए ऐसे में सवाल उठता है कि एनपीए के इस अंधकार से रोशनी कब और कैसे मिलेगी? दरअसल, बैंकों की बुनियाद को कमजोर करने में बढ़ता एनपीए एक बड़ा कारक है। बैंकों के बढ़ते एनपीए को लेकर सरकार और रिजर्व बैंक भी चिंता जाहिर...

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