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देश के 20% घरों में अनाज का दाना नहीं : प्रो द्रेज

पटना: अर्थशास्त्री व सामाजिक कार्यकर्ता प्रो ज्यां द्रेज ने कहा कि बिहार भूख व मिस गवर्नेस की राजधानी है. यहां भूख व असुरक्षा की स्थिति सबसे अधिक है. छत्तीसगढ़ व ओड़िशा की स्थिति इतनी बुरी नहीं है. पेंशन योजनाओं के मामले में भी बिहार की हालत दयनीय है. ऐसी स्थिति में खाद्य सुरक्षा अधिनियम से बिहार को बड़ा अवसर मिला है. अनुग्रह नारायण सिंह समाज अध्ययन संस्थान में ‘फूड सिक्युरिटी बिल एंड...

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जलयुद्ध की ओर बढ़ती दुनिया

विभिन्न अध्ययन एवं आकलन बताते हैं कि वर्ष 2050 तक विश्व की आबादी वर्तमान सात अरब से बढ़ कर नौ अरब तक पहुंच जायेगी. इस स्थिति में पानी और भोजन की मांग बढ़ेगी, जिससे जलवायु परिवर्तन की समस्या और भी गंभीर हो सकती है. दुनियाभर में पानी से जुड़े मसलों पर काम कर रहे संगठनों ने इसे लेकर चिंता जतायी है. इसी कड़ी में स्टॉकहोम में पिछले 22 वर्षो से...

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दुनिया की 40 प्रतिशत बालिका वधू भारत में

रांची: नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे-3 में यह बात कही गयी है कि साक्षरता की दर बढ़ने और बाल विवाह पर कानूनी रोक होने के बावजूद भारत में धर्म तथा परंपराओं के चलते बाल विवाह प्रथा आज भी जारी है. दक्षिण एशिया में दुनिया के किसी अन्य हिस्से के मुकाबले सर्वाधिक बाल विवाह होने को रेखांकित करते हुए रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में सबसे अधिक बाल विवाह होते...

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शिक्षा के अधिकार पर तीन साल में 1.13 लाख करोड़ खर्च

नई दिल्ली। छह से 14 साल के बच्चों को अनिवार्य और निशुल्क शिक्षा का अधिकार (आरटीई) लागू करने में पिछले तीन साल के दौरान पूरे देश में कुल 1.13 लाख करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं। सूचना के अधिकार के तहत यह जानकारी मिली है। आरटीई पर देशभर में कुल खर्च व लाभार्थियों की संख्या पर गौर करें तो 2010-11 में यह प्रति छात्र 2384 रुपए आता है जो 2011-12 में...

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हेराफेरी पर कस रही आरटीआइ की नकेल

सूचना का अधिकार कानून भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई व अपने अधिकारों को पाने का माध्यम बन गया है. झारखंड के गांवों में बड़ी संख्या में लोग आरटीआइ का प्रयोग कर रहे हैं. आरटीआइ के जरिये भ्रष्टाचार का खुलासा करने या अपने अधिकारों को पाने वाले लोगों से प्रेरित होकर दूसरे लोग भी आरटीआइ का उपयोग कर रहे हैं. इस बार की आमुख कथा में पंचायतनामा ने आरटीआइ के ऐसे ही किस्सों...

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