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बैल आधारित खेती की ओर लौटेगा मध्यप्रदेश

भोपाल। सूचना प्रौद्योगिकी के दौर में कदमताल करने के लिए आईटी पार्क बनाने वाला मध्यप्रदेश खेती के मामले में जैविक और पशु आधारित तरीके को अख्तियार करने जा रहा है। कृषि मंत्री डॉ. रामकृष्ण कुसमारिया प्रदेश की जैविक कृषि नीति का प्रारुप को अंतिम रूप देने में जुटे हैं। इस प्रारूप को 16 जनवरी को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को सौंपा जाएगा। अनाज उत्पादन बढ़ाने के लिए रासायनिक खाद की बढ़ती मांग के बीच...

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चार सौ भूमिहीनों को मिलेगा कृषि भूमि का पट्टा

लखनऊ, 12 जनवरी: मुख्यमंत्री मायावती के जन्मदिवस पर राजधानी के चार सौ भूमिहीनों को कृषि भूमि का पट्टा दिये जाने की तैयारी की गयी है। इसके तहत प्रत्येक तहसील क्षेत्र में 100 लोगों का लाभान्वित करने का लक्ष्य रखा गया है। यह शिविर कानपुर रोड स्थित सिटी मांटेसरी स्कूल में लगेगा। इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री मायावती के भी उपस्थित रहने की संभावना है। सूत्रों की मानें तो गरीबों व अनुसूचित जाति को कृषि भूमि...

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परदेशी झारखंडियों का रिकार्ड रखेगी सरकार

रांची। झारखंड के बाहर काम कर रहे यहां के लोगों की खोज-खबर भी सरकार रखेगी। इसके लिए एक उच्चस्तरीय समिति बनाकर कार्य प्रणाली तय की जाएगी। मुख्यमंत्री शिबू सोरेन ने रविवार को कहा कि पलायन यहां की बड़ी समस्या है। खास तौर से महिलाओं का पलायन और महानगरों में उनके मानसिक-शारीरिक उत्पीड़न की शिकायतें आती रही हैं। सरकार इसे रोकने के उपायों पर गंभीरता से विचार कर रही है। इसके लिए एक चुस्त-दुरुस्त प्रशासनिक...

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खेतों में मिलेंगे हल - भवदीप कंग

ऐसे समय में जबकि खाद्य पदार्थो की कीमतें आसमान छू रही हैं और दुनिया में भुखमरी अपने पैर पसार रही है, जलवायु परिवर्तन से संबंधित विशेषज्ञ आगाह कर रहे हैं कि आने वाले वक्त में हमें और भी भयावह स्थिति का सामना करना पड़ेगा। दिनों-दिन बढ़ते वैश्विक तापमान की वजह से भारत की कृषि क्षमता में लगातार गिरावट आती जा रही है।एक अनुमान के मुताबिक इस क्षमता में 40 फीसदी तक की कमी हो सकती...

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निर्भर नहीं, आत्मनिर्भर !- मिहिर शाह

राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (नरेगा) क्रांतिकारी जनपक्षधर विकास कार्यक्रमों का वायदा करती है। ग्राम सभा और ग्राम पंचायतों द्वारा उसकी योजना, क्रियान्वयन और जांच-परख से हजारों स्थायी रोजगार पैदा हो सकते हैं। लेकिन नरेगा की लड़ाई बरसों से चले आ रहे एक बुरे अतीत के साथ है। पिछले साठ सालों से ग्रामीण विकास की योजनाएं राज्य की इच्छा और सदाशयता पर ही निर्भर रही हैं। श्रमिकों को दरकिनार करने वाली मशीनों और ठेकेदारों को काम...

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