पटना : राज्य सरकार ने पिछले नौ वर्षो में खर्च किये गये 22575 करोड़ रुपये का हिसाब महालेखाकार को नहीं दिया है. भारत के नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक (सीएजी) ने इसे गंभीर बताया है. सीएजी ने करीब 8466 करोड़ रुपये के खर्च का उपयोगिता प्रमाण पत्र नहीं मिलने पर भी नाराजगी जाहिर की है. 31 मार्च, 2011 को समाप्त होनेवाले वित्तीय वर्ष के लिए सीएजी की रिपोर्ट मंगलवार को विधानमंडल के दोनों...
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विकास दर में वृद्धि के बावजूद गरीबी बढना चिन्ता का विषय
पटना। बिहार के ग्रामीण कार्य मंत्री भीम सिंह ने आज कहा कि विशेषज्ञों के लिये यह गहन मंथन का विषय है कि विकास दर में वृद्धि के बावजूद देश में गरीबों की संख्या में वृद्धि क्यों हो रही है। श्री सिंह ने पत्र सूचना कार्यालय की ओर से यहां (ग्रामीण विकास से भारत का निर्माण) विषय पर आयोजित दो दिवसीय विचार गोष्ठी का उद्घाटन करते हुए कहा कि सकल घरेलू उत्पाद में...
More »गांव पहुंची मानवाधिकार टीम से हो गया नक्सलियों का सामना और फिर...
लातेहार.नक्सलियों के खिलाफ ऑपरेशन के नाम पर ग्रामीणों के साथ ज्यादती की शिकायत पर वस्तुस्थिति का जायजा लेने बरवाडीह थाना क्षेत्र के नवरनागू गांव पहुंची अखिल भारतीय मानवाधिकार टीम के सदस्यों की मुलाकात नक्सली संगठन भाकपा माओवादी के दस्ते से हो गई। तीन घंटे तक दोनों ओर से गरमागरम बहस भी हुई। टीम में शामिल सदस्यों के हरेक सवाल का जवाब माओवादी के प्लाटून कमांडर आकाश ने बखूबी दिया। आकाश ने कहा कि...
More »सबसिडी घटाने की फितरत- सी पी चंद्रशेखर
अपने बजट भाषण के जरिये, जो बोर होने की सीमा तक उबाऊ था और जिसमें जताने से ज्यादा छिपाने की कला थी, वित्त मंत्री ने मुद्रास्फीति के और ऊपर जाने का रास्ता खोल दिया है। अप्रत्यक्ष कर बढ़ाकर, जिसका बोझ अंततः उपभोक्ताओं पर पड़ना है, और सबसिडी को कम कर, जिससे पेट्रो उत्पाद व उर्वरक महंगे होंगे, उन्होंने मूल्यवृद्धि का बोझ सह रहे इस देश को महंगाई की एक और किस्त...
More »खेती की उपेक्षा और खाद्य सुरक्षा- भारत डोगरा
जनसत्ता 21 मार्च, 2012: लोकसभा में पिछले वर्ष प्रस्तुत किए गए राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा विधेयक से कोई सहमत हो या असहमत, पर इसके महत्त्च से इनकार नहीं किया जा सकता। मौजूदा रूप या इससे काफी मिलते-जुलते रूप में यह विधेयक पारित हो गया तो आने वाले अनेक वर्षों तक इसका हमारी खाद्य और कृषि व्यवस्था पर बहुत व्यापक असर पड़ेगा। इसलिए इस विधेयक से संबंधित जानकारी अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचे...
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