महाराष्ट्र में पाँच साल से कम उम्र के एक तिहाई से ज्यादा(34 प्रतिशत) बच्चे कुपोषण के शिकार हैं और देह की लंबाई के हिसाब से उनका वज़न मानक वज़न से कम है। यह बात हाल के एक अखिल भारतीय सर्वे में सामने आई है। जिलास्तरीय यह सर्वे 18 राज्यों तथा तीन केंद्रशासित प्रदेशों के जिलावार आंकड़ों के अध्ययन पर आधारित है। डिस्ट्रिक्ट लेवल हाऊसहोल्ड एंड फैसिलिटी सर्वे-4 नामक के इस सर्वेक्षण...
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कम नहीं हो पा रहा कुपोषण- संदीप कुमार
सरकार का दावा है कि लोगों में कुपोषण घटा है. नेशनल सैंपल सर्वे आर्गनाइजेशन (एनएसएसओ) की 66वीं अध्ययन रिपोर्ट में बताया गया है कि दो तिहाई लोग पोषण के सामान्य मानक से कम खुराक ले पा रहे हैं. योजना आयोग का मानना है कि हर ग्रामीण को न्यूनतम 2400 किलो कैलोरी व हर शहरी को न्यूनतम 2100 किलो कैलोरी का आहार मिलना चाहिए. जमीनी हकीकत क्या है, यह भी सरकारी...
More »पाकिस्तान और बांग्लादेश से ज्यादा भारत में है भुखमरी
नयी दिल्ली: खुद को उभरती हुई आर्थिक शक्ति मान कर इतराने वाले भारत के लिए शायद यह खबर शर्मनाक है. दुनिया में भुखमरी के शिकार जितने लोग हैं, उनमें से एक चौथाई लोग सिर्फ भारत में रहते हैं. इस मामले में हमारी हालत पाकिस्तान, बांग्लादेश व अन्य पिछड़े मुल्कों से भी खराब है. भुखमरी मापने वाले सूचकांक ग्लोबल हंगर इंडेक्स (जीएचआइ) ने 2011-2013 की अपनी रिपोर्ट में भारत को 63...
More »भले ही बन जाए कानून, फिर भी दो करोड़ को नहीं मिलेगी रोटी!
भोपाल. लोकसभा में बीते सप्ताह पेश राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा विधेयक गरीबों के लिए रोटी सुनिश्चित कर सकेगा, इसमें संदेह है। इसके पारित होने और कानून बनने के बाद भी प्रदेश के कम से कम 28 फीसदी जरूरतमंद लोगों को इसका लाभ नहीं मिल पाएगा। यानी करीब दो करोड़ लोगों को रोटी नसीब नहीं हो पाएगी। गरीबी के आंकड़ों के लिए एन्साइक्लोपीडिया मानी जाने वाली अर्जुन सेन गुप्ता समिति की रिपोर्ट के मुताबिक देश...
More »ग्रामीण गरीबी रिपोर्ट 2011
जब कभी दुनिया की गरीबी पर कोई रिपोर्ट जारी होती है, तो उसमें दक्षिण एशिया- उसमें भी खासकर भारत सबसे बदहाल दिखता है। हमारे यहां न सिर्फ सबसे ज्यादा संख्या में कम वजन (अंडरवेट) के बच्चे हैं, बल्कि प्रसूति के दौरान माताओं की मृत्यु की दर भी बेहद ऊंची है। भारत में ही सबसे ज्यादा ऐसे बच्चे हैं, जो स्कूल नहीं जाते और विश्व कुपोषण सारणी में भी भारत का...
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