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जानवरों के शवों को जलाने में आने वाले खर्च को बचाते हैं लकड़बग्घे

मोंगाबे हिंदी, 04 जनवरी  वैसे तो गिद्धों को शवों का निपटारा करने वाले जीवों के रूप में जाना जाता है लेकिन एक और ऐसा ही ‘सफाईकर्मी’ है जिसके योगदान को अक्सर नजरअंदाज कर दिया जाता है, वह है लकड़बग्घा। अगस्त 2023 में प्रकाशित हुई एक नई स्टडी में पाया गया है कि राजस्थान के सवाई मानसिंह वाइल्डलाइफ सैंक्चुअरी में धारीदार लकड़बग्घे हर साल 23 टन पालतू जानवरों के शव और 17...

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रबी सीजन 2024-25: गेहूं-दलहन का रकबा घटा, अति पछेती किस्में बोने की सलाह

डाउन टू अर्थ, 20 दिसम्बर रबी सीजन की बुवाई का समय लगभग बीतता जा रहा है, लेकिन अभी भी पिछले साल के मुकाबले लगभग 30 लाख हेक्टेयर में बुआई नहीं हो पाई है। खासकर गेहूं और दलहन की बुआई काफी पिछड़ी हुई है।  15 दिसंबर 2023 को समाप्त सप्ताह तक के आंकड़े बताते हैं कि देश में रबी सीजन की 557.26 लाख हेक्टेयर में बुआई हो चुकी है, जबकि पिछले साल इस...

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हर रोज 154 किसान और दिहाड़ी मजदूरों ने की आत्महत्या: NCRB रिपोर्ट

गाँव सवेरा, 4 दिसम्बर  एनसीआरबी यानी राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो की 2022 की सालाना रिपोर्ट के अनुसार भारत में हर रोज लगभग 154 किसान और दिहाड़ी मजदूरों ने पारिवारिक समस्याओं और बीमारी के कारण आत्महत्या की है. वहीं 2021 में किसान और दिहाड़ी मजदूरों के हर रोज आत्महत्या करने की संख्या 144 थी. रिपोर्ट के अनुसार किसानों की आत्महत्या के सबसे ज्यादा मामले महाराष्ट्र में दर्ज किए गए, इसके बाद कर्नाटक,...

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जानलेवा वायु प्रदूषण: यूरोप में सालाना 2.53 लाख मौतों की वजह बना पीएम 2.5

डाउन टू अर्थ, 01 दिसम्बर  भारत ही नहीं बढ़ते वायु प्रदूषण से यूरोप भी त्रस्त है, जो हर साल वहां लाखों जिंदगियों को लील रहा है। यूरोपियन एनवायरनमेंट एजेंसी (ईईए) ने 24 नवंबर 2023 को प्रकाशित अपनी रिपोर्ट में जानकारी दी है कि यूरोप में 2021 के दौरान वायु प्रदूषण का स्तर विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) द्वारा तय मानकों से कहीं ज्यादा दर्ज किया गया। आंकड़ों के अनुसार इस दौरान प्रदूषण के...

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पीएलएफएस रिपोर्ट: देश में घट रही है बेरोजगारी !

इस लेख में राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय की ओर से जारी की जाने वाली आवधिक श्रमबल सर्वेक्षण रिपोर्ट (2022–23) का विश्लेषण किया है। यह रिपोर्ट देश में रोजगार और श्रम बाजार की वस्तुस्थिति का आधिकारिक दस्तावेज है। रिपोर्ट का कहना है कि रोजगार की सूरत–ए–हाल में सुधार आ रहा है। क्या वाकई बेरोजगारी घट रही है ?  गौरतलब है कि इस सर्वेक्षण में मुख्यतः तीन तरह के आँकड़ों को दर्ज किया जाता है।...

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