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आईपीसीसी रिपोर्ट: ग्लोबल वार्मिंग को 1.5 डिग्री सेल्सियस तक सीमित करना कैसे हो सकता है संभव

कार्बनकॉपी, 23 मार्च  जलवायु परिवर्तन पर अंतर-सरकारी पैनल (आईपीसीसी) ने सोमवार को एक सिंथेसिस रिपोर्ट जारी की। यह रिपोर्ट संयुक्त राष्ट्र के वैज्ञानिकों के इस पैनल द्वारा छठे आकलन चक्र की अंतिम रिपोर्ट है। रिपोर्ट में कहा गया है कि जलवायु परिवर्तन के भौतिक प्रभावों से काफी नुकसान हो रहा है, जो कुछ मामलों में अपरिवर्तनीय है। रिपोर्ट में इस बात की प्रबल संभावना व्यक्त की गई है कि वैश्विक तापमान वृद्धि को...

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आईपीसीसी संश्लेषण रिपोर्ट के छह प्रमुख संदेश: 1.5 डिग्री सेल्सियस पर अंतिम चेतावनी जारी

डाउन टू अर्थ, 21 मार्च जलवायु परिवर्तन पर अंतर सरकारी पैनल (आईपीसीसी) ने आज यानी 20 मार्च 2023 को अपनी नवीनतम संश्लेषण रिपोर्ट (एसवाईआर) जारी कर दी है। यह रिपोर्ट इससे पहले आईपीसीसी द्वारा जलवायु में होते बदलावों पर जारी की गई छह रिपोर्टों के निष्कर्षों का सार प्रस्तुत करती है, जो छठे मूल्यांकन का हिस्सा है। इस कड़ी में पहली रिपोर्ट 2018 में तापमान पर होती डेढ़ डिग्री सेल्सियस की वृद्धि...

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अपर्याप्त क्लाइमेट फाइनेंस के बीच, परिभाषा पर जारी है विकासशील देशों का संघर्ष

कार्बनकॉपी, 15 अक्टूबर साल 2024 तक दुनिया को एक नया जलवायु वित्त लक्ष्य (क्लाइमेट फाइनेंस टार्गेट) निर्धारित करना है — यानि वह राशि जो विकसित देशों द्वारा गरीब देशों को जलवायु परिवर्तन से लड़ने के लिए दी जानी है। भारत की मांग है कि इसे सालाना 1 लाख करोड़ डॉलर तक बढ़ाया जाए। यह दूर की कौड़ी है, क्योंकि विकसित देश पिछले दस वर्षों में 100 अरब डॉलर सालाना प्रदान करने में...

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खबरदार

  खास बात • गंगोत्री ग्लेशियर सालाना ३० मीटर की गति से सिकुड़ रहा है।* • अगर समुद्रतल की ऊंचाई एक मीटर बढ़ती है तो भारत में ७० लाख लोग विस्थापित होंगे।* • पिछले बीस सालों में ग्रीनहाऊस गैसों के उत्सर्जन में सर्वाधिक बढ़ोत्तरी जिवाश्म ईंधन के दहन से हुई है।* • मानवीय क्रियाकलापों के कारण ग्लोबल ग्रीन हाऊस गैस के उत्सर्जन में लगातार बढोत्तरी हो रही है। अगर औद्योगीकरण के पहले के समय से तुलना करें तो मानवीय क्रियाकलापों...

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तटीय भारत: नया कंटेनमेंट जोन

-डाउन टू अर्थ, इससे पहले आपने पढ़ा कि दुनिया भर में जलवायु परिवर्तन की वजह से विस्थापन तेजी से बढ़ा है। जलवायु संकट की वजह से समुद्र तट से लगे क्षेत्र बहुत अधिक प्रभावित हैं। इस कड़ी में पढ़ें कि भारत के तटीय इलाकों में क्या स्थिति है भारत के तटीय इलाकों और इसके नजदीक रहने वाले लोगों को साल 2,100 में आधे वक्त तक काम के समय घरों में रहने को...

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