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जैविक खेतीः सामूहिक प्रयास ज्यादा मुनाफा

-इंडिया वाटर पोर्टल, देश में कृषि सुधार विधेयक पर जमकर घमासान मचा हुआ है। सरकार जहां इस विधेयक को ऐतिहासिक और किसानों के हक़ में बता रही है, वहीं विपक्ष इसे किसान विरोधी विधेयक बता कर इसका पुरज़ोर विरोध कर रहा है। हालांकि संसद के दोनों सदनों से पास होने के बाद यह विधेयक अब राष्ट्रपति के पास हस्ताक्षर के लिए भेजा जा चुका है, जिनकी सहमति के बाद विधेयक लागू हो...

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महामारी की आड़ में जनता को जनसुनवाई से महरूम करने की कोशिश?

-न्यूजलॉन्ड्री, लॉकडाउन के समय जनता घर में बंद थी और लाखों मजदूर सड़क पर थे. ऐसे में केंद्र सरकार ने पूर्व में बनाए गए कई नियम-कानूनों में ऐसे संशोधन प्रस्तावित कर दिए जिन्हें यदि वह सामान्य समय में प्रस्तावित करती तो उसे कड़े विरोध का सामना करना पड़ता. इन प्रस्तावित संशोधनों में सबसे महत्वपूर्ण संशोधन है केंद्रीय पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा पर्यावरण प्रभाव मूल्यांकन (ईआईए यानी एनवायरमेंट इंपैक्ट ऐससमेंट)...

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महामारी की आड़ में जनता को जनसुनवाई से महरूम करने की कोशिश?

-न्यूजलॉन्ड्री, लॉकडाउन के समय जनता घर में बंद थी और लाखों मजदूर सड़क पर थे. ऐसे में केंद्र सरकार ने पूर्व में बनाए गए कई नियम-कानूनों में ऐसे संशोधन प्रस्तावित कर दिए जिन्हें यदि वह सामान्य समय में प्रस्तावित करती तो उसे कड़े विरोध का सामना करना पड़ता. इन प्रस्तावित संशोधनों में सबसे महत्वपूर्ण संशोधन है केंद्रीय पर्यावरण ए वंजलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा पर्यावरण प्रभाव मूल्यांकन (ईआईए यानी एनवायरमेंट इंपैक्ट ऐससमेंट)...

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झाबुआ के हलमा को गहराई से देखने की कोशिश कीजिए, वर्ल्ड बैंक उथला नज़र आएगा

वह भीषण गर्मी का महीना था, साल 1998, तारीख थी 11 मई, उस दिन पोखरण में ‘बुद्ध मुस्कराए’ थे. इस मुस्कुराहट का स्वाभाविक परिणाम यह हुआ कि दुनिया के तमाम ताकतवर देश मुस्कराना भूल गए. आनन-फानन में कई प्रतिबंध भारत पर लगा दिए गए. अमेरिकी दबाव इस कदर था कि भारत के पुराने दोस्त रूस ने भी हमें क्रायोजनिक इंजन देने से मना कर दिया. उस समय भारत के प्रधानमंत्री...

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विद्रोह की जमीन पर एक गांधीवादी- रामचंद्र गुहा

भारत के तीन ही राज्य हैं, जहां मेरा आज तक जाना नहीं हुआ। नगालैंड इनमें से एक है। अगली फरवरी में एक सामाजिक कार्यकर्ता नटवर ठक्कर के निमंत्रण पर वहां जाने का कार्यक्रम बना था, जिनके साथ पत्राचार तो काफी रहा, लेकिन मुलाकात कभी नहीं हुई। 1932 में पश्चिमी भारत में जन्मे नटवर भाई प्रख्यात गांधीवादी और देशभक्त काका साहब कालेलकर के संपर्क में आए और युवावस्था में ही अपना...

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