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इटली मरीन्स केस: भारतीय मछुआरों की हत्या करने वाले इटली के नौसैनिकों को मुआवज़े पर छोड़ने के लिए कैसे राज़ी हो गई सरकार?

-बीबीसी,  साल 2012 में इटली के नौसैनिकों के हाथों दो भारतीय मछुआरों की हत्या का मामला आख़िरी चरण में है. अंतरराष्ट्रीय क़ानूनों की वजह से भारत को अपने देश में इतालवी नौसैनिकों के ख़िलाफ़ आपराधिक मामला बंद करना होगा. इटली ने भारत को आश्वासन दिया है कि वो अपने देश में उनके ख़िलाफ़ आपराधिक मामला चलाएगा. भारतीय सुप्रीम कोर्ट 15 जून को इस मामले में अपना आख़िरी फ़ैसला सुनाएगा. इससे पहले कोर्ट ने...

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कोरोना के हाथों मारे गए पत्रकारों में भारत की स्थिति चिंताजनक

क्या आप जानते हैं कि अबतक कितने पत्रकारों की जान कोविड महामारी के कारण जा चुकी है? स्विट्जरलैंड की मीडिया अधिकार और सुरक्षा से जुड़ी संस्थाय प्रेस एम्बलम कैम्पेन (PEC) ने कोरोना वायरस के चलते पत्रकारों की हुई मौत पर दुख जताते हुए एक बयान जारी किया है और बताया है कि दुनिया भर में हजार से ज्यादा पत्रकार कोरोना वायरस का शिकार हो चुके हैं और कुल 75 देशों...

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अधिक वजन और मोटापे से ग्रस्त लोगों में कहीं ज्यादा है कोरोना के गंभीर संक्रमण का खतरा

-डाउन टू अर्थ, हाल ही में किए एक शोध से पता चला है कि जो लोग मोटापे और वजन की समस्या से जूझ रहे हैं उनमें कोरोना के गंभीर संक्रमण का खतरा कहीं ज्यादा है| यही नहीं उन्हें इससे उबरने के लिए ऑक्सीजन और सांस सम्बन्धी उपायों का कहीं अधिक सहारा लेना पड़ता है| मर्डोक चिल्ड्रन रिसर्च इंस्टीट्यूट और द यूनिवर्सिटी ऑफ क्वींसलैंड द्वारा किया यह शोध जर्नल डायबिटीज केयर में...

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कोविड वैक्सीन में पक्षपात से भारत को हो सकता है 58 लाख करोड़ रुपए का नुकसान

-डाउन टू अर्थ,  वैश्विक स्तर पर कोविड-19 के टीकाकरण में व्याप्त असमानताओं के चलते भारत को करीब 57,70,454 करोड़ रुपए (78,600 करोड़ डॉलर) का नुकसान हो सकता है जोकि उसकी सकल घरेलू उत्पाद के 27 फीसदी के बराबर है। वहीं, दूसरी तरफ वैश्विक टीकाकरण में विफल रहने पर अमीर देशों को औसतन प्रति व्यक्ति 146,831 रुपए (2,000 डॉलर) का नुकसान हो सकता है। यह जानकारी अंतराष्ट्रीय संगठन ऑक्सफेम द्वारा जारी एक...

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बढ़ती झीलों से सैलाब का खतरा

-वाटर पोर्टल,  07 फरवरी सुबह तबाही की शुरुआत उत्तराखंड के जोशीमठ से 15 किलोमीटर दूर रेणी गांव से हुई थी।अचानक एक गलेशियर टूटने से ऋषिगंगा नदी का जलस्तर बढ़ गया। और देखेते ही देखते नदी का पानी सैलाब में बदल गया। इससे सबसे बड़ा नुकसान ऋषि गंगा पावर पोजेक्ट को हुआ । सैलाब के कारण  डैम की दीवारे पूरी तरह टूट गई,और कुछ मिनटों में मलबा टर्नल में भर गया। टर्नल...

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