द वायर, 26 जनवरी कुछ साल पहले भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के लिए लॉन्च पैड बनाने वाले सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम हैवी इंजीनियरिंग कॉरपोरेशन (एचईसी) के लगभग 1,300 कर्मचारियों को एक साल से अधिक समय से वेतन नहीं मिला है. कर्मचारियों ने इस मुद्दे का जल्द समाधान नहीं होने पर अदालत का रुख करने की चेतावनी दी है. कर्मचारियों ने आरोप लगाया कि इस स्थिति के कारण वे अपने बच्चों के...
More »SEARCH RESULT
जोशीमठ: हिमालय ने दरककर ‘विकास’ का भंडाफोड़ कर दिया है
द वायर, 22 जनवरी ‘विकास’ का यह कौन-सा मॉडल है, जो जोशीमठ ही नहीं, पूरे हिमालय क्षेत्र में दरार पैदा कर रहा है और इंसान के लिए ख़तरा बन रहा है? सरकारी ‘विकास’ की इस चौड़ी होती दरार को अगर अब भी नज़रअंदाज़ किया गया, तो पूरी मानवता ही इसकी भेंट चढ़ सकती है. बीते सप्ताह जोशीमठ में असुरक्षित घोषित किए गए एक होटल को ध्वस्त करते एसडीआरएफ कर्मचारी. (फोटो: पीटीआई) जोशीमठ आजकल...
More »भूख की वजह से छूट रही श्रीलंकाई बच्चों की पढ़ाई
डीडब्ल्यू हिंदी, 20 जनवरी श्रीलंका के सबसे प्रमुख अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे के समीप बसे उपनगर काटुनायके में रहने वाली कपड़ा फैक्ट्री की कर्मचारी नादिका प्रियदर्शनी अपने बच्चों को स्कूल नहीं भेज पा रही हैं. इसके पीछे की वजह है भूख. उनकी माली हालत इतनी खराब हो चुकी है कि वे अपने परिवार के लिए दोनों समय के भोजन का इंतजाम तक नहीं कर पा रही हैं. देश में बढ़ते आर्थिक संकट की वजह...
More »कम भुगतान, कम सम्मान: भारत के जिलों में मुफ्त कानूनी सहायता की गुणवत्ता खराब क्यों है?
इंडियास्पेंड, 02 जनवरी दिल्ली के कड़कड़डूमा जिला न्यायालय में आयुष* फ्री कानूनी सहायता देने वाले आपराधिक मामलों के वकील हैं और उन लोगों की मदद करते हैं जो वकीलों का खर्च नहीं उठा सकते. उन्होंने इंडिया स्पेंड को बताया कि वे हर महीने औसतन लगभग 5,000 रुपए कमाते हैं. सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश उदय यू. ललित ने अप्रैल 2022 में अपने एक बयान में कहा, "गरीबों को कानूनी सहायता देने का...
More »महामारी के काल में 'महिला कर्मी' और उनका 'मेहनताना'
किसी भी शख्स को रोटी, कपड़ा और मकान सहित अन्य जरूरतों को पूरा करने के लिए पैसों की जरूरत पड़ती है। अधिकतर लोग पैसे कमाने के लिए रोजी करते हैं। लेकिन क्या आप ऐसी नौकरी करेंगे जहां आपको मजदूरी ही ना मिले? हमने पिछले न्यूज अलर्ट में ऐसे लोगों की पड़ताल की थी, जिन्हें किसी भी प्रकार का वेतन नहीं मिलता था। इस न्यूज़ अलर्ट में, महामारी के समय में,...
More »