भारत के बारे में एक विचित्र बात यह है कि अगर काेई कुछ कहता है, तो उस बात की तुलना में कहनेवाला ज्यादा महत्वपूर्ण हो जाता है. बेशक, दुनिया के अधिकांश हिस्सों में कुछ हद तक ऐसा ही है, लेकिन हमारे देश में अगर कुछ विवादास्पद कहा जा रहा है, तो जिसने विवादास्पद बातें कही हैं, उसके लिए सबसे पहले उस व्यक्ति की पहचान को उत्तरदायी माना जाता है. इसीलिए,...
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प्रेस की एकजुटता-- राजेश जोशी
पिछले शुक्रवार को दिल्ली के प्रेस क्लब में पूर्व मंत्री, लेखक और संपादक अरुण शौरी ने ऐसा क्या कह दिया कि हंगामा खड़ा हो गया? एनडीटीवी पर सीबीआइ के छापों का विरोध करने के लिए हुई पत्रकारों की बैठक में कुलदीप नैयर, प्रणय रॉय, शेखर गुप्ता, राज चेंगप्पा भी बोले थे, लेकिन अरुण शौरी एकमात्र वक्ता थे, जिन्होंने सीधे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को निशाने पर लिया. उन्होंने अपने भाषण में...
More »पर्यावरण और विश्व राजनीति-- बिभाष
पिछले नवंबर का महीना सिर्फ विमुद्रीकरण के ही लिये नहीं जाना जायेगा. नोम चॉम्स्की ने हाल में डेली मिरर को दिये एक इंटरव्यू में कहा कि दो घटनाएं जो आठ नवंबर को घटित हुई हैं, बहुत ही महत्वपूर्ण हैं. एक ओर जहां, अमेरिका ने डोनाल्ड ट्रंप को अपना नया राष्ट्रपति चुना, वहीं दूसरी घटना है- मोरक्को के मार्राकेश शहर में 7 से 16 नवंबर तक यूनाइटेड नेशंस फ्रेमवर्क कन्वेंशन ऑन...
More »राजनीति में भ्रष्टाचार के साथ ही बढ़ता गया काला धन-- सुरेन्द्रकिशोर
ब्रिटिश अर्थशास्त्री कैलडोर ने 1956 में यह बताया था कि भारत में काला धन सकल घरेलू उत्पाद का 4-5 प्रतिशत है. वांचू कमेटी के अनुसार 1970 में करीब सात प्रतिशत था. एक अध्ययन के अनुसार 1985 में यह जीडीपी का 18-20 प्रतिशत हो गया. एक अन्य अध्ययन के अनुसार 1995-96 में यह बढ़कर 40 प्रतिशत हो गया था. 2005-6 में यह 50 प्रतिशत तक पहुंच गया....
More »इनाम और ओहदे लौटाने से क्या होगा? - विष्णु खरे
1954-55 में जब भारत सरकार ने साहित्य अकादेमी की स्थापना की थी तब देश में कांग्रेस का शासन था। उसके संस्थापक-पितरों में जवाहरलाल नेहरू, सर्वपल्ली राधाकृष्णन, मौलाना अबुल कलाम आजाद और डॉ. जाकिर हुसैन जैसे राजनीतिक-सांस्कृतिक युगनिर्माता थे। बाद में कभी इंदिरा गांधी भी अकादेमी की सदस्य रहीं, जब वे केंद्रीय सूचना तथा प्रसारण मंत्री थीं। अकादेमी के संस्थापक-सचिव कृष्ण कृपालाणी थे, जो रबींद्रनाथ ठाकुर की एकमात्र संतान नंदिता के...
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