डाउन टू अर्थ, 20 अक्टूबर भारत सहित पूरी दुनिया के लगभग 80 प्रतिशत किसान धान की पराली जलाते हैं, जिससे गंभीर वायु प्रदूषण फैलता है। जो हर साल घनी आबादी और ज्यादा औद्योगिक घनत्व वाले भारत के राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र मेंं अक्टूबर-नवंबर महीने मेंं हवा की गति कम होने और हिमालय से ठंडी हवा आने से बहुत ज्यादा गंभीर हो जाता है। इस वायु प्रदूषण समस्या के समाधान के लिए केन्द्र...
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पराली समस्या पर सरकारी प्रयास अव्यावहारिक, क्या है पर्यावरण हितैषी स्थायी समाधान?
डाउन टू अर्थ, 18 अक्टूबर भारत सहित पूरी दुनिया के लगभग 80 प्रतिशत किसान धान की पराली जलाते हैं, जिससे गंभीर वायु प्रदूषण फैलता है। जो हर साल घनी आबादी और ज्यादा औद्योगिक घनत्व वाले भारत के राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र मेंं अक्टूबर-नवंबर महीने मेंं हवा की गति कम होने और हिमालय से ठंडी हवा आने से बहुत ज्यादा गंभीर हो जाता है। इस वायु प्रदूषण समस्या के समाधान के लिए केन्द्र...
More »पंजाब में कपास की सफेदी कम, धान पर जोर अधिक! नहीं पूरा हुआ कपास की बिजाई का सरकारी लक्ष्य
गाँव सवेरा, 26 जून लगातार तीन सालों से कपास की फसल पर हो रहे कीटों के हमले से पंजाब के किसान परेशान हैं. सूबे के कुछ इलाकों में तो इससे बड़ा भारी नुकसान होता है. इसी वजह से कृषि विभाग भी अलर्ट पर है. कपास की फसल पर फूल आने वाले हैं, लेकिन उससे पहले ही कीटों ने फसल को नुकसान पहुंचाना शुरू कर दिया हैं. पंजाब के कृषि मंत्री गुरमीत सिंह...
More »सरकार ने ड्रोन से कीटनाशकों के छिड़काव के लिए फसल-विशिष्ट ‘एसओपी’ जारी किया
केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने बृहस्पतिवार को ड्रोन के जरिये कीटनाशकों के छिड़काव के लिए फसल-विशिष्ट मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) जारी की। एक सरकारी बयान में कहा गया है कि मंत्री ने ‘‘मोटे अनाज के उत्पादन, प्रसंस्करण और मूल्यवर्धन के लिए मशीनरी’’ नामक एक पुस्तिका भी जारी की। तोमर ने कहा, ‘‘सरकार द्वारा कृषि क्षेत्र में ड्रोन तकनीक को स्वीकार किया गया है। …कृषि की लागत कम करने और कीटनाशकों...
More »पोषक अनाजों की खेती:- वर्तमान और भविष्य
पोषक अनाजों की अहमियत को समझते हुए भारत सरकार ने खाद्य और कृषि संगठन के सामने एक प्रस्ताव रखा था। नतीजन पूरी दुनिया, वर्ष 2023 को, अंतर्राष्ट्रीय पोषक अनाज वर्ष के रूप में मना रही है।भारत,दुनिया में पोषक अनाजों का सबसे बड़ा उत्पादनकर्ता है। साल 2020 में विश्व के कुल उत्पादन में भारत की हिस्सेदारी करीब 41 फीसदी के आस–पास थी। पढ़िए इस लेख में पोषक अनाजों पर विस्तार से; प्राचीन...
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