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भारत में कोविड की पहली लहर की तुलना में दूसरी में गर्भपात तीन गुना बढ़ा, ICMR शोध ने डेल्टा वैरिएंट को बताया वजह

-द प्रिंट, भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) की तरफ से मुंबई में किया गया एक छोटा-सा अध्ययन बताता है कि भारत में दूसरी कोविड लहर के दौरान गर्भपात तीन गुना बढ़ गया है, और गर्भस्थ शिशुओं की मौत का एक बड़ा कारण कोरोनावायरस का डेल्टा वैरिएंट हो सकता है. अध्ययन में गर्भपात के लिए ‘सहज गर्भपात शब्द का उपयोग किया गया है, जिसका मतलब है गर्भधारण के 20 सप्ताह से पहले गर्भपात...

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WHO COVID डेटाबेस में हैं कई ‘खामियों भरे जर्नल्स’, जिसमें 70 पेपर भारतीयों के हैं

-द प्रिंट, सैकड़ों शोध पत्र, जिसमें से भारत के कम से कम 70 शोध पत्र जो प्रिडेटरी या खामियों भरे जर्नल्स में प्रकाशित हुए हैं, विश्व स्वास्थ्य संगठन के कोविड विज्ञान प्रकाशनों के वैश्विक शोध पत्र में शामिल हो गए हैं. डब्ल्यूएचओ अब इन शोध पत्र की जांच कर रहा है. एक एजेंसी जो ‘कोरोनावायरस बीमारी पर वैश्विक साहित्य’ की एक सूची रखती है, जिसमें दुनिया भर से 30 लाख से अधिक...

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स्कूली बच्चों को कोरोनावायरस से बचाने के लिए अनिवार्य हो मास्क

-डाउन टू अर्थ, कोरोनावायरस की मार कहने के लिए तो पूरी दुनिया पर पड़ी है लेकिन इनमें से सबसे अधिक संवेदनशील तबका बच्चों का है। यूनीसेफ की यदि रिपोर्ट में आंकड़ों पर नजर डालें तो पाएंगे कि पूरी दुनिया में सबसे अधिक कोरोना वायरस की मार बच्चों पर ही पड़ी है। इसके अनुसार पूरी दुनिया में 1.8 अरब बच्चे किसी न किसी रूप से प्रभावित हुए हैं। अब जबकि भारत सहित दुनियाभर...

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कोविड-19/तीसरी लहर/डेल्टा प्लस की डरावनी दस्तक

-आउटलुक, “टीकाकरण में तेजी में आ रही दिक्कतों को दूर करने और स्वास्थ्य ढांचे में सुधार पर ही निर्भर है कि नए ज्यादा संक्रामक वेरिएंट का असर कितना होगा” सवाल बहुत हैं लेकिन जवाब मुश्किल। क्या कोरोना की दूसरी लहर खत्म हो गई है? तीसरी लहर कब आएगी? क्या वह भी दूसरी लहर जितनी जानलेवा होगी? डेल्टा प्लस वेरिएंट कितना खतरनाक है? पहले सवाल का जवाब हां और ना दोनों में है।...

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यूनेस्को साइंस रिपोर्ट 2021: रिसर्च और टेक्नोलॉजी डेवल्पमेंट भारत का भविष्य तय करेगी!

वैज्ञानिक ज्ञान ने भयानक कोरोनावायरस और इसके प्रसार से निपटने में बहुत मदद की है. रिकॉर्ड कम समय के भीतर, वैज्ञानिकों (वायरोलॉजिस्ट, एपिडेमियोलॉजिस्ट, बायोस्टैटिस्टियन, आदि सहित) और उनके शोध परिणामों ने आम लोगों को यह जानने में मदद की कि SARS-CoV-2 क्या है और यह एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में कैसे फैलता है. आम लोगों को अब यह पता चल गया है कि कैसे सरल तकनीक और व्यवहार में...

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