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जो महत्तम हैं, वे लघुत्तम क्यों!-- अनिल रघुराज

हर किसी का अपना-अपना आर्थिक जीवन है. वयस्क वर्तमान हैं, तो बच्चे भविष्य की तैयारी हैं. यहां तक कि बेरोजगारों का भी आर्थिक जीवन है, क्योंकि यहां सिर्फ कमाने या बनाने ही नहीं, खपत का भी योगदान है. हम अपने पास-पड़ोस के आर्थिक जीवन से भी वाकिफ रहते हैं. लेकिन, जब सारे देश की बात होती है, तो सब कुछ धुआं-धुआं हो जाता है. उसमें भी जब जीडीपी की चर्चा...

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झूठ का एहतराम, सच रामराम-- अनिल रघुराज

धर्मक्षेत्रे कुरुक्षेत्रे समवेता युयुत्सवः, मामकाः पाण्डवाश्चैव किमकुर्वत संजय. धृतराष्ट्र ने पूछा और संजय सारा कुछ बताते गये कि महाभारत के धर्मयुद्ध में क्या-क्या धर्म-अधर्म हुआ. श्रीकृष्ण तक के छल और युधिष्ठिर तक के अर्धसत्य का वर्णन उन्होंने किया. फिर भी पांडव अंततः जीत गये.  लेकिन बाजार की कोई कितनी भी आलोचना कर ले, वहां झूठ का तिलिस्म ज्यादा नहीं चलता. याद करें, करीब सात साल पहले जब 7 जनवरी, 2009...

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बजट 2016-17: खेती को पानी मिले, किसानों को वाजिब दाम

हालांकि नई फसल बीमा योजना को प्रधानमंत्री ने "कि‍सान की सारी मुसीबतों का समाधान" बताया है लेकिन लगातार दो दफे सूखे की चपेट में आई खेतिहर अर्थव्यवस्था की मौजूदा बदहाली नये बजट में फौरी तौर पर विशेष उपाय करने की मांग करती है.(देखें प्रधानमंत्री का भाषण)   एक ऐसी स्थिति में जब कृषिगत सकल घरेलू उत्पाद में लगातार दो वित्तवर्षों (2014-15 में -2%, 2015-16 में 1.1%) में बड़ा मामूली इजाफा हुआ हो,...

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आंकड़ों की धूल में छिपा सच-- अनिल रघुराज

इसका स्वार्थ, उसका स्वार्थ. तेरा स्वार्थ, मेरा स्वार्थ. सबका स्वार्थ अलग-अलग हो सकता है. लेकिन, सबका सच एक ही होता है. दिक्कत यह है कि शोर में सच कहीं खो गया है. भांति-भांति की आवाजों में इस सच को खोज पाना भूसे के ढेर में सुई ढूंढने जैसा है. यह मुश्किल जरूर है, लेकिन नामुमकिन नहीं. बस, शोर को बड़ा एकाग्र होकर सुनना होगा, जैसे नाद योग या नाद साधना...

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निजी कर्मचारियों पर पड़ेगी अभावग्रस्त बुढ़ापे की मार

नई दिल्ली, ब्‍यूरो। निजी क्षेत्र में काम करने वाले 92 फीसद कर्मचारी अगर समय रहते नहीं चेते तो उन्हे बेहद तनावपूर्ण व आर्थिक तंगी से जूझते बुढ़ापे के लिए तैयार रहना चाहिए। देश में बेहतर पेंशन उत्पादों की कमी, लोगों के बीच जागरूकता का अभाव और सरकार व निजी क्षेत्र की तरफ से पर्याप्त ध्यान नहीं देने की वजह से अधिकांश प्राइवेट कर्मचारियों के पास पेंशन के लिए कोई सुविधा...

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