मोंगाबे हिंदी, 08 जनवरी “यह बिल्कुल एक इंसान की तरह है। जिस तरह एक व्यक्ति का खून बह जाने के बाद वह जिंदा नहीं रह पाता, उसी तरह गुग्गल भी अपनी राल खो देने के बाद जीवित नहीं रह पाता है। इसे इंटरनेशनल यूनियन फॉर कंजर्वेशन ऑफ नेचर (आईयूसीएन) ने गंभीर रूप से लुप्तप्राय करार दिया है।” गुजरात के कच्छ जिले के किसान महिपतसिंह सोढ़ा ने स्थानीय पौधे की प्रजाति गुग्गल...
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भारत को वैज्ञानिक सोच के साथ आवारा कुत्तों से निपटना होगा
मोंगाबे हिंदी, 29 दिसम्बर डेविड क्वामेन ने अपनी किताब ‘द सॉन्ग ऑफ द डोडो’ में लिखा है, “इस बीच, ब्रिटिश जहाजों से लाए गए घरेलू कुत्ते तस्मानिया में जंगली हो गए थे और वे हिंसक जंगली कुत्ते खुद ही कई भेड़ों को मार रहे थे।” उनकी किताब द्वीपों में प्रजातियों के खत्म होने का स्पष्ट रूप से वर्णन करती है। वे कई बार इंसानी वजहों से जानवरों के खत्म होने के...
More »इंसानों के चलते 250 करोड़ एकड़ क्षेत्र में खारी हो रही जमीन, बिगड़ रहा 'नमक चक्र' का संतुलन
डाउन टू अर्थ, 29 नवम्बर क्या आप जानते हैं कि जो नमक हमारे लिए बेहद जरूरी है उसकी जरूरत से ज्यादा मात्रा पर्यावरण और इंसानी स्वास्थ्य के लिए हानिकारक साबित हो रही है। विडम्बना देखिए कि जिस तरह से पर्यावरण में खारापन बढ़ रहा है उसके लिए हम इंसान ही जिम्मेवार हैं। रिसर्च से पता चला है कि इंसानों के कारण दुनिया भर में बढ़ते लवणीकरण से 250 करोड़ एकड़ क्षेत्र में...
More »खसरे से होने वाली मौतों में 43 फीसद की वृद्धि, मामलों में भी हुई 18 फीसदी की बढ़ोतरी: डब्ल्यूएचओ
डाउन टू अर्थ, 24 नवम्बर दुनिया में खसरे का खतरा एक बार फिर पैर पसार रहा है। रिपोर्ट से पता चला है कि 2021-22 के बीच खसरे से होने वाली मौतों में 43 फीसदी का इजाफा हुआ है। गौरतलब है कि 2022 में खसरे से 136,000 लोगों की मौत हो गई थी, जिनमें से ज्यादातर बच्चे थे। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) और अमेरिकी रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र (सीडीसी) ने अपनी इस...
More »इंसानों के चलते 250 करोड़ एकड़ क्षेत्र में खारी हो रही जमीन, बिगड़ रहा 'नमक चक्र' का संतुलन
डाउन टू अर्थ, 24 नवम्बर क्या आप जानते हैं कि जो नमक हमारे लिए बेहद जरूरी है उसकी जरूरत से ज्यादा मात्रा पर्यावरण और इंसानी स्वास्थ्य के लिए हानिकारक साबित हो रही है। विडम्बना देखिए कि जिस तरह से पर्यावरण में खारापन बढ़ रहा है उसके लिए हम इंसान ही जिम्मेवार हैं। रिसर्च से पता चला है कि इंसानों के कारण दुनिया भर में बढ़ते लवणीकरण से 250 करोड़ एकड़ क्षेत्र में...
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