डाउन टू अर्थ, 19 जनवरी देश की राजधानी से लगभग 1,200 किलोमीटर दूर झारखंड के एक गांव में रह रही अनार देवी के एक-एक शब्द पर गौर कीजिए, “मेरे पांच बेटे हैं। सब एक-एक करके बाहर शहरों में चले गए। गांव में रह कर करते भी क्या? भूखे मर जाते! इसलिए उनके जाने का दुख नहीं होता। वे अपने बच्चों को शहरों में किसी तरह पाल रहे हैं और हम यहां...
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खाद्यान्न की कमी नहीं बल्कि पूंजीवादी मुनाफा है बढ़ती भुखमरी का कारण
जनचौक, 26 दिसंबर प्रकृति की गोद में आदि मानव के रूप में अपना जीवन शुरू कर आधुनिक इंसान ने अथाह प्रगति कर ली है। प्रकृति से संघर्ष की प्रक्रिया में संसाधनों को अपने जीवन को सुरक्षित करने के लिए उपयोग करने में महारत हासिल कर ली है। एक समय था जब इंसान का अधिकतर समय भोजन की खोज में गुजरता था। कृषि की खोज के साथ भोजन के लिए संघर्ष कुछ...
More »जीएम सरसों: एमएनसी का मायाजाल
पत्रिका, 28 अक्टूबर बहुराष्ट्रीय कंपनियों का मायाजाल बढ़ता जा रहा है। दिल्ली विश्वविद्यालय की ओर से विकसित किए गए जेनेटिकली मॉडिफाइड (जीएम) सरसों की किस्म डीएमएच-11 (धारा मस्टर्ड हाइब्रिड) को जेनेटिक इंजीनियरिग अप्रेजल कमेटी (जेइएसी) से एनवायरमेंटल रिलीज की अनुमति मिल जाना बहुराष्ट्रीय कंपनियों के मायाजाल का ताजा विस्तार है। जेइएसी की बैठक में डीएमएच-11 को चार साल के लिए मंजूरी दी गई है। अगले दो साल तक इंडियन काउंसिल ऑफ...
More »सरकार ने कहा- देश में पर्याप्त खाद्यान्न भंडार, नियंत्रण में हैं गेहूं-आटा और चावल की कीमतें
अमर उजाला, 2 अक्टूबर रूस और यूक्रेन के बीच 24 फरवरी को शुरू हुआ युद्ध अब भी थमा नहीं है। ये दोनों देश बड़ी मात्रा में गेहूं समेत जरूरी खाद्यान्न को दुनियाभर को निर्यात करते हैं। युद्ध लंबा चलने के कारण दुनिया के सामने खाद्यान्न की चुनौती खड़ी हो गई है। इस बीच बीच रविवार को केंद्र सरकार ने लोगों की आशंकाओं को दूर करते हुए कहा कि देश में पर्याप्त...
More »मोदी सरकार तीन महीने और बढ़ा सकती है मुफ्त खाद्यान्न कार्यक्रम : रिपोर्ट
एनडीटीवी इंडिया, 27 सितम्बर जानकारों के अनुसार भारत अपने मुफ्त खाद्यान्न कार्यक्रम को तीन महीने तक और बढ़ा सकता है. यह कार्यक्रम देश की अधिकांश आबादी को कवर करता है और इसकी सालाना लागत 18 बिलियन डॉलर (करीब डेढ़ खरब रुपये) से अधिक है. पहचान जाहिर न करते हुए मामले के जानकारों ने कहा है कि सरकार दिसंबर तक लगभग 80 करोड़ लोगों को मुफ्त चावल या गेहूं देना जारी रख...
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